धनबाद : विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए झरिया विधायक संजीव सिंह ने कहा है कि रंजय सिंह की हत्या के 10 माह में पुलिस लीपापोती कर दी है. मामले में पुलिस ने कार्रवाई इसलिए नहीं कि रंजय गरीब लड़का था, जमाडा कर्मचारी का बेटा था. धनबाद में चार लोगों की हत्या में मुझ पर एफअाइआर करायी जाती है, मेरे पास 12 सरकारी बाॉडीगार्ड की बातों को दरकिनार कर पुलिस ने मुझे आरोपित किया. सुरक्षा एजेंसी ने मुझे 12 व मां को सात सुरक्षाकर्मी दिये.
बॉडीगार्ड कहते रहे कि जिनकी सुरक्षा में रखा गया है, वह हत्या के दिन व उसके बाद 20 दिनों तक बाहर नहीं निकले हैं. बावजूद पुलिस उनके खिलाफ झूठे आरोप में गिरफ्तारी वारंट ले ली. उसने कोर्ट का सम्मान करते हुए पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. मैं अपनी बात अब कोर्ट में रखूंगा. रंजय हत्याकांड की जांच में 10 माह में लीपापोती की गयी है.
पुलिस अगर जांच करेगी तो लीपापोती ही करेगी. किसी को न अरेस्ट किया और न पता लगाया कि हत्यारा कौन है. हत्याकांड की जांच राज्य की बाहर की एजेंसी से करायी जाये. एजेंसी दिल्ली की हो या कहीं और की? कहा जा रहा है कि रंजय की हत्या का प्रतिशोध है चार लोगों की हत्या. तो फिर पुलिस चुप क्यों है? पुलिस रंजय मामले को क्यों दबाकर रखी है.