अब इस मामले में सुनवाई 30 अक्तूबर को होगी. विदित हो कि परिवादिनी अधिवक्ता पुष्पा सिंह ने 6 अक्तूबर 17 को जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर देय मूल राशि डेढ़ लाख रुपये चौदह फीसदी ब्याज के साथ तथा वाद खर्च के रूप में दस हजार रुपये भुगतान करने की मांग की है. परिवादिनी ने 5 मई 15 को डेढ़ लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट नंबर 883538 (एसबीआइ) बार एसोसिएशन कार्यालय में जमा किया. कई अधिवक्ताओं को चेंबर आवंटित कर दिया गया लेकिन पुष्पा सिंह को चेंबर आवंटित नहीं किया गया और न ही डेढ़ लाख रुपये लौटाये गये. परिवादिनी ने 21 जून 17 को बार के पदाधिकारियों को नोटिस भेजा फिर भी उनके द्वारा कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया. नोटिस की प्रतिलिपि स्टेट बार काउंसिल रांची व बार काउंसिल ऑफ इंडिया दिल्ली के चेयरमैन को भी भेजी गयी है.
इधर बार के अन्य अधिवक्ताओं ने, जिन्होंने चेंबर आवंटित करने के लिए पैसे जमा किये हैं, ने भी फोरम के अध्यक्ष से सोमवार को मिलकर अपनी फरियाद सुनायी. वे भी वाद दायर करने का मन बना रहे हैं.