43 साल से रुका काम डेढ़ महीने में पूरा, 26 करोड़ के प्रोजेक्ट की लागत हो गयी 1800 करोड़ रुपए

Punasi Dam Project:: झारखंड में एक प्रोजेक्ट 43 साल से रुका हुआ था, क्योंकि इसके लिए अधिग्रहीत जमीन का म्यूटेशन नहीं हुआ था. म्यूटेशन का काम महज डेढ़ महीने में लगभग पूरा कर लिया गया. हालांकि, इस प्रोजेक्ट की लागत 26 करोड़ रुपए से बढ़कर 1800 करोड़ रुपए हो गयी है.

By Mithilesh Jha | October 9, 2025 11:03 PM

Punasi Dam Project| देवघर, अमरनाथ पोद्दार : देवघर जिले की बहुचर्चित पुनासी डैम परियोजना से जुड़ी जमीन का म्यूटेशन 43 साल बाद पूरा हुआ है. अब परियोजना की 3,200 एकड़ जमीन जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज हो गयी है. देवघर अंचल कार्यालय ने 34 मौजा में से 26 मौजा की जमीन का म्यूटेशन पूरा कर लिया है, जबकि 3 मौजा की प्रक्रिया जारी है. शेष 5 मौजा की जमीन का ऑनलाइन विवरण दर्ज नहीं होने के कारण म्यूटेशन लंबित है, जिसे विभागीय स्तर पर तेजी से अपडेट किया जा रहा है.

Punasi Dam Project: 1983 में रखी गयी थी आधारशिला

पुनासी डैम परियोजना की नींव वर्ष 1983 में बिहार सरकार के समय रखी गयी थी. उस समय इसकी अनुमानित लागत 26 करोड़ रुपए थी, लेकिन 4 दशक बीतने के बाद अब यह बढ़कर 1,800 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है. पुनासी डैम का यह प्रोजेक्ट बिहार सरकार में सिंचाई विभाग के अधीन था. परियोजना शुरू तो हुई, परंतु भूमि का म्यूटेशन न होने से विभागीय स्तर पर कई कार्य बाधित होते रहे. झारखंड राज्य गठन के बाद भी जमीन का ऑनलाइन अभिलेख जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज नहीं किया गया था.

  • 43 साल बाद पुनासी डैम प्रोजेक्ट की 3200 एकड़ जमीन का हुआ म्यूटेशन
  • जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज हुए 800 भूखंड, डेढ़ महीने में पूरी हुई प्रक्रिया
  • 1983 में शुरू हुई थी परियोजना, अब 1800 करोड़ तक पहुंची लागत

देवघर अंचल से महज डेढ़ महीने में हुआ म्यूटेशन

म्यूटेशन नहीं होने के कारण कई विभागीय और राजस्व से जुड़ी परेशानियां उत्पन्न हो रही थीं. जल संसाधन विभाग ने लगभग 3 महीने पहले पुनासी डैम से संबंधित जमीन का म्यूटेशन कराने का आवेदन देवघर अंचल कार्यालय में दिया. देवघर सीओ अनिल कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गयी.

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टीम ने डेढ़ महीने में 800 म्यूटेशन पूरे किये

टीम ने एक-एक कर सभी प्लॉट का आवेदन भी ऑनलाइन किया व युद्ध स्तर पर अभियान चलाते हुए डेढ़ महीने के भीतर कुल 800 म्यूटेशन पूरे किये. अब तक 3261 एकड़ में से 3200 एकड़ जमीन का म्यूटेशन पूरा हो चुका है, जबकि शेष 61 एकड़ भूमि का कार्य प्रगति पर है. देवघर अंचल कार्यालय के कर्मचारियों और तकनीकी टीम ने सीमित समय में म्यूटेशन प्रक्रिया पूरी किये जाने पर जिले के किसी भी बड़े सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अब तक की सबसे तेज कार्रवाई मानी जा रही है.

वर्षों पुरानी पुनासी डैम परियोजना में पड़ने वाले 34 मौजा में 26 मौजा की जमीन का म्यूटेशन जल संसाधन विभाग के नाम से कर दिया गया है. तीन मौजा की जमीन का म्युटेशन प्रक्रिया में है. विभाग से पत्र मिलने के बाद महज डेढ़ महीने में 800 म्यूटेशन युद्धस्तर पर किया गया है. अब तक 3261 एकड़ में से 3200 एकड़ जमीन का म्यूटेशन पूरा हो चुका है. इसमें इसमें रैयती भूमि व सरकारी भूमि है.

अनिल कुमार, सीओ, देवघर

म्यूटेशन से दूर होंगी विभागीय अड़चनें

पूर्व में ऑनलाइन अभिलेख में जल संसाधन विभाग का नाम दर्ज न होने के कारण कई प्रशासनिक कार्य जैसे सीमांकन, लगान रसीद व स्वामित्व दस्तावेज प्रभावित हो रहे थे. अब विभाग के नाम म्यूटेशन पूरा हो जाने से विभाग को कानूनी अधिकार व भूमि स्वामित्व प्राप्त हो गया है. इससे परियोजना से जुड़े सभी कार्यों में पारदर्शिता और गति आयेगी. ऑनलाइन अभिलेख में नाम दर्ज न होने से पहले जो विभागीय अड़चनें थीं, अब वे पूरी तरह समाप्त हो जायेगी. जल संसाधन विभाग को अब अपनी भूमि पर पूर्ण स्वामित्व और नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया काफी सरल हो जायेगी.

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