कैजुअल मजदूरों को पहचान पत्र नहीं मिला लेबर कोड का उल्लंघन : भाकपा
कोलियरी में लेबर कोड का खुलेआम हो रहा उल्लंघन : पशुपति कोल
चितरा. चितरा कोलियरी में कार्यरत कैजुअल मजदूरों व ठेका श्रमिकों को पहचान पत्र नहीं दिया गया है. यह लेबर कोड का घनघोर उल्लंघन है. उक्त बातें मंगलवार को भाकपा नेता सह एटक के एरिया सचिव पशुपति कोल व मजदूर नेता होपना मरांडी ने संयुक्त रूप प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि चितरा कोलियरी में वर्षों से असंगठित व ठेका मजदूर कार्यरत हैं, लेकिन अबतक उन्हें पहचान पत्र नहीं दिया गया है. जिससे उक्त मजदूरों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. मजदूर केंद्र सरकार द्वारा लागू चारों श्रम संहिताओं (लेबर कोड) के तहत मिलने वाले मूलभूत अधिकारों व सुविधाओं से वंचित हैं. उन्होंने आगे कहा कि कोलियरी प्रबंधन के द्वारा सोच समझकर श्रम कानूनों का पालन नहीं किया जा रहा है. पहचान पत्र के अभाव में मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, पीएफ, इएसआइ, स्वास्थ्य सुविधा, बीमा, मातृत्व लाभ, न्यूनतम मजदूरी, साप्ताहिक अवकाश एवं कार्य घंटे जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों का उल्लंघन ही नहीं बल्कि मजदूरों के शोषण का यह स्पष्ट उदाहरण भी है. उन्होंने कहा कि असंगठित व ठेका मजदूर की बदौलत कोलियरी में उत्पादन होता है. इसके बावजूद उनके अधिकारों को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता है. प्रबंधन की उदासीनता के कारण मजदूर भय और असुरक्षा के बीच में मजदूर काम करने को विवश है. वहीं, मजदूर नेता होपना मरांडी ने कहा कि बार-बार मांग करने के बावजूद न तो मजदूरों को पहचान पत्र दिया गया और न ही उनकी सेवा शर्तों को स्पष्ट किया गया. ठेका मजदूरों को स्थायी कर्मियों के समान जोखिमपूर्ण कार्य कराया जा रहा है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा है. प्रेसवार्ता में नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सभी असंगठित व ठेका मजदूरों को पहचान पत्र उपलब्ध कराकर चारों श्रम संहिताओं का पालन नहीं किया गया, तो यूनियन चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने को विवश होंगे. उन्होंने श्रम विभाग व संबंधित अधिकारियों से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर जांच कराने तथा दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की.
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