इसके बाद तंबू में सो रहे पोकलेन ऑपरेटर रवींद्र सिंह, नाइट गार्ड रमेश बेदिया, बंधु बेदिया और सुपरवाइजर देवेंद्र पांडेय को बंधक बना पिटाई की गयी. उग्रवादियों ने कहा कि जब उन्होंने मना किया था तो फिर कैसे उत्खनन होने लगा. इसके बाद वहीं खड़ी पोकलेन मशीन में आग लगा दी.
घटना को अंजाम देने के बाद उन्होंने साइट, गांव के स्कूल पर पोस्टर चिपकाया, जिसमें पुलिस की मुखबिरी बंद करने, सभी कंपनियां पीएलएफआइ को मदद करें लिखा था. लगभग साढ़े चार बजे बंधक बनाये गये लोगो को छोड़ दिया गया. घटना की सूचना मिलने के बाद एसपी प्रियदर्शी आलोक, डीएसपी वीरेंद्र चौधरी समेत अन्य पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की छानबीन की. इससे पूर्व 21 अप्रैल को भी उग्रवादियों ने मजदूरों की पिटाई की थी और उत्खनन नहीं करने का फरमान सुनाया था.