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बंदी के कगार पर पुलिस फांड़ी

देवघर: जिले में संचालित सभी पुलिस फांड़ी (टीओपी/नाका) बल के अभाव में बंदी के कगार पर है. किसी भी फांड़ी में पुलिस बल नहीं है. नगर थाना क्षेत्र में चार, मधुपुर में दो और जसीडीह थाना क्षेत्र में एक फांड़ी संचालित होता आ रहा है. स्थिति यह है कि नगर थाना क्षेत्र स्थित पुलिस फांड़ी […]

देवघर: जिले में संचालित सभी पुलिस फांड़ी (टीओपी/नाका) बल के अभाव में बंदी के कगार पर है. किसी भी फांड़ी में पुलिस बल नहीं है. नगर थाना क्षेत्र में चार, मधुपुर में दो और जसीडीह थाना क्षेत्र में एक फांड़ी संचालित होता आ रहा है.

स्थिति यह है कि नगर थाना क्षेत्र स्थित पुलिस फांड़ी नंबर तीन में तो एक भी हवलदार व जवान नहीं हैं. फांड़ी नंबर एक, जो नगर थाने से चलता है, वहां एक हवलदार व एक जवान हैं. इसी तरह फांड़ी नंबर दो व चार में मात्र एक-एक हवलदार की प्रतिनियुक्ति है. इसके अलावे मधुपुर में संचालित दो पुलिस फांड़ी की भी कमोवेश यही स्थिति है. उधर करीब 12 वर्ष पूर्व तक जसीडीह में चल रही फांड़ी के बारे में वर्तमान वरीय पुलिस अधिकारियों को जानकारी तक नहीं है. पूछने पर सार्जेट मेजर से पता चला कि जसीडीह में कोई फांड़ीहै ही नहीं.

जसीडीह की फांड़ी 12 वर्षो से बंद
जानकारी हो कि जसीडीह थाना क्षेत्र में भी एक पुलिस फांड़ी स्वीकृत है, जो करीब 12 वर्ष पूर्व तक चालू हालत में था. यह पुलिस फांड़ी हील व्यू के समीप एक किराये के मकान में चलता था. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद भी यह पुलिस फांड़ी चालू रहा है. वर्षो पूर्व एक दुर्घटना के बाद आक्रोशित लोगों द्वारा उक्त फांड़ी को आग के हवाले कर दिया गया था. वहां पर एक वाहन को भी जलाया गया था. उसी वक्त से उक्त फांड़ी अव्यवस्थित हुआ, जो आज तक बंद है. हालांकि जसीडीह के इस फांड़ी के बारे में पुलिस महकमे को पता भी नहीं है.

अधिकांश फांड़ी सार्वजनिक भवनों में
पुलिस फांड़ी के लिये इस जिले में अपना कोई भवन नहीं है. अधिकांश फांड़ी सार्वजनिक भवनों व धर्मशाला में चलता है. नगर थाना क्षेत्र का फांड़ी नंबर तीन कच्छी धर्मशाला, दो नंबर नाका बाजार समिति व चार नंबर अपर बिलासी के एक सार्वजनिक भवन में चलता है.

निगरानी रखते थे वारंटियों, अपराधियों पर
अपराध को अंकुश लगाने में पुलिस फांड़ी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी. पुलिस फांड़ी में कार्यरत साधारण बल दिन भर इलाके के बैंक पर नजर रखते थे. वहीं घूम-घूम कर गुप्त सूचना भी संकलित करते थे और इलाके के वारंटी, अपराधियों पर भी निगरानी रखते थे.

क्या कहते हैं सार्जेट मेजर
नगर में चार, मधुपुर में दो पुलिस फांड़ी है. जसीडीह में कोई फांड़ी नहीं है. फांड़ी में साधारण बल कार्यरत रहते हैं, जिसकी कमी है. कुछ को ओ-आर बनाया गया है. इसी माह हर पुलिस फांड़ी में 3-4 की संख्या में पोस्टिंग करेंगे.

-सूर्य कुमार सिंह, सार्जेट मेजर

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