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आक्रोश : बीएड की छात्रा से मारपीट व छेड़खानी का विरोध, आदिवासी छात्रों ने निकाला जुलूस
देवघर : आदिवासी युवती पर अत्याचार के विरोध में आदिवासी समुदाय के छात्रों ने पारंपरिक हथियार के साथ जुलूस निकाला. इस दौरान आदिवासी समुदाय के दर्जनों छात्र जुलूस में शामिल होकर एसपी कार्यालय पहुंचे. एक ज्ञापन सौंप कर आदिवासी छात्रों ने एसपी से कठोर कार्रवाई की मांग की है. एसपी को दिये ज्ञापन में जिक्र […]
देवघर : आदिवासी युवती पर अत्याचार के विरोध में आदिवासी समुदाय के छात्रों ने पारंपरिक हथियार के साथ जुलूस निकाला. इस दौरान आदिवासी समुदाय के दर्जनों छात्र जुलूस में शामिल होकर एसपी कार्यालय पहुंचे. एक ज्ञापन सौंप कर आदिवासी छात्रों ने एसपी से कठोर कार्रवाई की मांग की है. एसपी को दिये ज्ञापन में जिक्र किया है कि छात्रा के साथ जानलेवा हमला कर बेरहमी से पिटाई की है. घटना में छात्रा घायल भी हो गयी है. इस निंदनीय घटना से आदिवासी समुदाय आहत व आक्रोशित है. एसपी को दिये ज्ञापन में शिवशंकर मुर्मू, सुनील हेंब्रम व राजकुमार मरांडी का हस्ताक्षर है.
छेड़खानी रोकने में महिला थाना नाकाम
महिलाओं के मामले छेड़खानी आदि को रोकने के ख्याल से ही हर जिले में महिला थाना खोला गया है. महिला थाना खुलने के एक-दो साल तक रोजाना दिन में गश्ती निकलती थी. किंतु पहली महिला थानेदार के बदलने के बाद से ही महिला थाने की गश्ती बंद हो गयी है. खास कर स्कूल, कॉलेज खुलने-बंद होने के समय संत फ्रांसिस स्कूल मोड़ से होकर महिला कॉलेज, देवसंघ मोड़, रेड रोज स्कूल मोड़, सत्संग कॉलेज, देवघर कॉलेज व कोचिंग संस्थानों के इर्द-गिर्द महिला थाने की गश्ती गुजरती थी. परंतु इन दिनों महिला थाने की भूमिका इन मामलों में निष्क्रिय सा दिख रहा है.
छात्रा के घर कभी-कभी दूध देने आता था आरोपित
छात्रा की मां ने बताया कि पुत्री से आरोपित उम्र में पांच साल का छोटा है. ऐसे में उसकी पुत्री के साथ प्रेम की बात करना गलत है. उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसके घर में आरोपित का पिता दूध देता था. उसी क्रम में कभी-कभी रोहित भी दूध पहुंचाया करता था. रोहित द्वारा प्रेम की बात करना एकतरफा व मनगढ़ंत है. छात्रा की मां का कहना है कि आरोपित को उसके किये की सजा मिले ताकि किसी दूसरी छात्रा के साथ ऐसी घटना न हो.
क्या कहते हैं शिक्षाविद
स्कूल-कॉलेज के इर्द-गिर्द सुबह 10 से चार बजे तक लड़कों की जमात रहती है. इस दौरान छात्राओं के साथ फब्तियां कसने व छेड़खानी की घटनाएं आम हो गयी है. शरारती किस्म के लड़कों से बच निकलने में ही छात्राएं भलाई समझती हैं. ऐसे मामलों का लोग विरोध भी नहीं कर पाते हैं. महिला थाने को ऐसी घटनाअों पर रोक लगाने की पहल करनी चाहिये. स्कूल समय में पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त हो अन्यथा देवनगरी के बुद्धिजीवी आंदोलन के लिए सोचने को विवश होंगे.
श्रीकांत झा, अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन झारखंड
चौक-चौराहों पर नहीं लगा सीसीटीवी कैमरा
अपराध व छेड़खानी आदि की घटनाओं पर रोक लगाने के ख्याल से चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगना था. इस सिलसिले में संताल के डीआइजी एसपी समेत पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक भी किये थे. चौक-चौराहों की सूची तैयार कर प्रस्ताव भी स्थानीय पुलिस महकमे द्वारा मुख्यालय को भेजा गया था. बावजूद इस दिशा में अब तक कुछ नहीं दिख रहा है.
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