दुमका: ग्रामीण विद्युतीकरण योजना को लेकर जहां एक ओर विधायकों की घिघ्घी बंध रही है, वहीं योजना का बंटाधार भी होने लगा है. विधायक इस असमंजस में हैं कि वे किसे इस योजना का लाभुक बनायें.
इस चक्कर में उनका वोट बैंक न गड़बड़ा जाये इसकी चिंता उन्हें सता रही है. बता दें कि केंद्र सरकार ने ग्रामीण व कृषि विद्युत योजना में विधायकों को सूची तैयार करने के लिए कहा है कि किसे इसका लाभ देना है. लेकिन संताल परगना के अधिकांश विधायक इस सूची को तैयार करने में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं.
इसका अंजाम यह है कि अबतक तिलकामांझी कृषि पंप योजना और अटल ग्राम ज्योति योजना का लाभ किसी भी गांव को नहीं मिल सका है. विभाग ने भी मई माह में विधायकों को पत्र भेजा था. लेकिन विधायक इसपर तत्परता तो दूर रूचि तक नहीं ले रहे. गांवों की सूची और लाभुकों के नाम पर मुहर लगाने में विधायकों को वोट बैंक का डर घर किये हुए है.
..तो 49500 परिवार होते लाभान्वित
इन दोनों ही योजनाओं के लिए संताल परगना के विधायक थोड़ी तत्परता व सजगता दिखाते तो बिजली की सुविधा से वंचित 22500 किसानों को तो पंपिंग सेट चलाने के लिए बिजली तो मिलती ही, एपीएल के 27000 परिवारों को भी नि:शुल्क बिजली का कनेक्शन मिल जाता, जिससे उनके गांवों में खुशहाली आती.
..कृषि कार्य के लिए मिलती छह घंटे बिजली
तिलका मांझी कृषि पंप योजना के तहत सरकार का मकसद किसानों को कम से कम छह घंटा बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराना था. सीएम रघुवर दास ने खुद दुमका के पुलिस लाइन मैदान में 26 जनवरी 2015 को इसकी घोषणा की थी. गांवों की सूची नहीं मिल पाने की वजह से अब तक इसके लिए अलग फीडर पर भी काम नहीं हो सका है.