9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रभात खबर कार्यालय में राज्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा, आयोग में संसाधन का अभाव लोगों में जागरुकता की कमी

देवघर:राज्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विशेष बातचीत में बताया कि आयोग में संसाधन व मेनपावर का अभाव है. इसके लिए सरकार को पत्राचार कर रहे हैं. बहुत जल्द राज्य सूचना आयोग संसाधनों से युक्त होगा. वहीं मेनपावर की कमी भी दूर होगी. आयोग का […]

देवघर:राज्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विशेष बातचीत में बताया कि आयोग में संसाधन व मेनपावर का अभाव है. इसके लिए सरकार को पत्राचार कर रहे हैं. बहुत जल्द राज्य सूचना आयोग संसाधनों से युक्त होगा. वहीं मेनपावर की कमी भी दूर होगी.

आयोग का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग सूचना अधिकार का उपयोग कर समय से जानकारी ले सकें. उन्होंने कहा कि सूचना अधिकार के प्रति अब भी लोगों में जागरुकता का अभाव है. कैसी सूचनाएं मांगनी चाहिये, इसकी जानकारी अब तक लोगों में नहीं है. सार्वजनिक सवालों के बजाय अधिकांश लोग व्यक्तिगत सूचनाओं में ही अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हैं, जो बिल्कुल गलत है. अपीलकर्ताओं में भी सही जानकारी का अभाव है.

इससे अधिकारियों को सूचना नहीं देने का बहाना मिल जाता है. लोग ज्यादा जनहित का सवाल पूछें. यह ध्यान रखें कि सवाल के मुद्दे सार्वजनिक हो व प्रशासन की पारदर्शिता और फंड दुरुपयोग पर अंकुश से जुड़ा मसला हो. इससे गड़बड़ी पर रोक लगेगी, वहीं सूचना अधिकार का लाभ जनता को मिलेगा. सूचना अधिकार के प्रति अधिकारियों में भी जानकारी का अभाव है. एक्ट के अनुरुप समय पर जागरुकता चले. छह-सात साल में कार्मिक ने जो नहीं किया, अब आयोग करेगा. गोड्डा जिले के भ्रमण से पता चला कि किसी सरकारी कार्यालय में जनसूचना पदाधिकारी व प्रथम अपीलीय पदाधिकारी का बोर्ड नहीं लगा है. रांची पहुंचने के बाद इस संबंध में वहां के डीसी को नोटिस भेजी जायेगी. साथ ही सभी जिले के डीसी को भी इस संबंध में पुन: निर्देश दिया जायेगा. संताल के देवघर से कुछ चिह्नित लोगों द्वारा ही बार-बार सूचना मांगी जाती है.

कई बार उनलोगों द्वारा अपने हित में अधिकार का दुरुपयोग भी किया गया है. वैसे तो सूचना अधिकार के तहत पदाधिकारियों को फाइन किया जाता रहा है किंतु प्रावधान के तहत विभागीय कार्रवाई के साथ दंडित करने का भी प्रावधान है. एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि योगदान देने के समय करीब चार हजार मामले लंबित थे जिसमें करीब पांच से छह सौ मामलों का निबटारा किया जा चुका है. परिस्थितिजन्य कारणों से ही एक आयुक्त के सहारे आयोग चल रहा था तो मामले लंबित होना स्वाभाविक था. उन्होंने कहा सिर्फ दंड देकर निष्पादन कर लेने से सूचना अधिकार का औचित्य पूरा नहीं किया जा सकता क्योंकि मूल भावना सूचना उपलब्ध कराना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें