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एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट का टेंडर रद्द

समिति ने कहा निविदा के साथ नहीं था सपोर्टिग कागजात निविदादाता नहीं हैं तकनीकी बिड स्वीकृति के योग्य छह फर्म ने डाली थी अलग-अलग निविदा देवघर : देवघर नगर निगम द्वारा 1.85 करोड़ की लागत से एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट की खरीदारी के लिए टेंडर निकाला गया. छह फर्म द्वारा निविदा भी डाला गया. तकनीकी बिड […]

समिति ने कहा निविदा के साथ नहीं था सपोर्टिग कागजात
निविदादाता नहीं हैं तकनीकी बिड स्वीकृति के योग्य
छह फर्म ने डाली थी अलग-अलग निविदा
देवघर : देवघर नगर निगम द्वारा 1.85 करोड़ की लागत से एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट की खरीदारी के लिए टेंडर निकाला गया. छह फर्म द्वारा निविदा भी डाला गया. तकनीकी बिड खोला गया. लेकिन, टेंडर को अंतत: रद्द कर दिया गया. टेंडर रद्द किये जाने के बाद नगर निगम के क्रियाकलाप पर सवाल उठना शुरू हो गया है.
चर्चा है कि किसी खास चहेते फर्म को एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट आपूर्ति करने के लिए टेंडर रद्द किया गया है. एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट क्रय एवं अधिष्ठापन निविदा समिति की बैठक में फैसला लिया गया कि सभी निविदा दाताओं के तकनीकी बिड पर विचारोपरांत पाया गया कि किसी भी कंपनी द्वारा निगम द्वारा मांगे गये सपोर्टिग कागजात पूर्ण रूप से संलगA नहीं किये गये हैं.
ऐसी स्थिति में किसी भी निविदा दाता का तकनीकी बिड स्वीकृत के योग्य नहीं है. इसलिए समिति ने निविदा रद्द करने का फैसला लिया है. साथ ही पुन: दूसरी निविदा इ-टेंडर के माध्यम से शीघ्र जारी करने का निर्णय लिया है. टेंडर डालने के नाम पर फर्म द्वारा समय बरबाद किया गया. इसे गंभीरता से लेते हुए देवघर नगर निगम ने फर्म को काली सूची में डालने की तैयारी कर रहा है.
छह फर्म ने डाला था निविदा
एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट की आपूर्ति के लिए देवघर नगर निगम में छह फर्म द्वारा निविदा डाला गया था. इसमें मेसर्स मनोज कुमार सिंह, मेसर्स मैक इलेक्ट्रिक, मेसर्स हर्ष कुमार छापरिया, मेसर्स शशि भूषण दूबे, मेसर्स तिरूपति इंटरप्राइजेज एवं मेसर्स पाइरोटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड निविदा डालने में शामिल थे.
निगम ने 23 बिंदुओं पर मांगा था प्रतिवेदन
एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट की खरीदारी के लिए जारी टेंडर में 23 बिंदुओं पर पूर्ण ब्योरा देवघर नगर निगम प्रशासन ने मांगा था. टेंडर के माध्यम से तकनीकी बिड प्रपत्र (परफॉर्मा) की मांग की गयी थी. यह बाध्यकारी भी था. छह फर्म में से सिर्फ दो फर्म ही प्रपत्र समर्पित कर पाये. चार फर्म ने प्रपत्र समर्पित ही नहीं किया.
एक फर्म का तीन वित्तीय वर्ष का टर्न ओवर कम बताया गया. नगर निगम प्रशासन ने निविदा के क्रम में शुद्धि पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया था कि एक निविदादाता सिर्फ एक ही इकाई के लिए निविदा भरेंगे. लेकिन, एक फर्म ने दो इकाइयों का निविदा भर दिया. निगम ने सात सौ एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट के अधिष्ठापन का अनुभव मांगा था. लेकिन, एक ने छोटे बल्व लगाने के अनुभव के आधार पर निविदा डाल दिया. निविदा के नियमों को फर्म द्वारा अक्षरश: अनुपालन नहीं किया गया.
पूर्व में भी नहीं हुआ था नियमों का अनुपालन
इससे पहले देवघर नगर निगम द्वारा गत वर्ष दो करोड़ की लागत से एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट एवं 1.54 करोड़ की लागत से एलक्ष्डी सोलर लाइट लगाया गया था. लाइट की गुणवत्ता पर लोगों ने सवाल खड़ा किया था.
शिकायत सामने आने के बाद विभाग की बेचैनी बढ़ गयी थी. विभाग ने जांच का भरोसा दिया था. लेकिन, विरोध के बाद भी मामले को ठंडा बस्ते में डाल दिया गया.
झारखंड सरकार का है ड्रीम प्रोजेक्ट
नगर विकास विभाग झारखंड सरकार का देवघर सहित निगम क्षेत्र में शामिल 44 गांवों तक रोशनी का पुख्ता इंतजाम करना ड्रीम प्रोजेक्ट है. विभाग ने कायदे से एलक्ष्डी स्ट्रीट लाइट मद में दो करोड़ रुपये एवं एलक्ष्डी सोलर लाइट मद में 1.54 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी. यह स्वीकृति मई-जून 14 में ही मिली थी. विभाग ने प्रक्रिया के तहत निविदा निकाला था. निविदा खुलने के बाद टेक्निकल व फाइनेंशियल बिड भी हुआ था. देवघर नगर निगम प्रशासन को एजेंसी द्वारा डेमो भी दिखाया गया था.
गत वर्ष में क्या था करार
नियमानुसार करार के तहत स्टील टय़ूबलर पोल की ऊंचाई सात मीटर निर्धारित होनी चाहिए. साथ ही आइएस 2713 (पार्ट-2) 410 एसपी-1 थ्री सेक्शन के साथ स्टील बेस प्लेट का साइज 300 गुणा 300 गुणा 6 एमएमएम क्षमता पोल ब्रेकेट का निर्माण 50 एमएम के डाय से 105 डिग्री एंगल पर होनी चाहिए.

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