सप्ताह भर के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 68 फीसदी लक्ष्य प्राप्त किया था. उसके बाद भी दो दिनों तक विभाग की ओर से रि-एक्टीविटी के जरिये लक्ष्य में लगभग चार फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई. सात मई से शुरू हुए इस अभियान के लिए जिले में 924 केंद्र बनाये गये थे. इन केंद्रों से जिले भर के 18,995 बच्चों को दवा पिलाने के अलावा 4462 गर्भवती माताओं का टीकाकरण किये जाने का लक्ष्य था.
इस दौरान शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को सात बीमारियों से बचाने के लिए पोलियो, हेपेटाइटिस, बीसीजी, डीपीटी, ओपीबी, खसरा, विटामीन ए की खुराक दी गयी. टीकाकरण का मुख्य उद्देश्य नवजात की सेहत को सुधारना है. हालांकि पहले चरण के अभियान में खामियों को देखते हुए कुछ लोगों पर कार्रवाई भी हुई थी.