दुमका: मयूराक्षी नदी पर 1955-56 में कनाडा सरकार के सहयोग से बने मसानजोर डैम के विस्थापित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 15 मई से मसानजोर में अनिश्चितकालीन धरना देंगे. इस दौरान विस्थापित सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
मसानजोर डैम के विस्थापित प्रियनाथ पाठक ने कहा कि इस आंदोलन की सूचना पत्र के जरिये स्थानीय प्रशासन, मयूराक्षी कैनल अंचल सिउड़ी (वीरभूम) तथा राज्यपाल डॉ सैयद अहमद को दे दी गयी है. जिसमें दुमका प्रखंड के 144 मौजा के रैयतों की मांगों और उनकी समस्याओं से अवगत कराया है. श्री पाठक ने बताया कि जिस वक्त मसानजोर डैम का निर्माण हुआ था, उस वक्त रैयतों की जमीन सरकार द्वारा भू अर्जन किये जाने की व्यवस्था नहीं थी.
लिहाजा तत्कालीन बिहार सरकार ने रैयतों की जमीन में पानी रखने के लिए 20 साल की फसल की कीमत दी थी. तब बिहार सरकार ने 50 फीसदी राशि का ही भुगतान किया गया था. उसके बाद आज तक न तो सरकार ने मुआवजा दिया और न ही नौकरी दी.