देवीपुर: प्रखंड से पांच किलोमीटर की दूरी पर व जसीडीह-मधुपुर रेल मार्ग में मथुरापुर रेलवे स्टेशन से मात्र चार किलोमीटर पर प्राकृतिक गोद में अवस्थित जालेश्वर महादेव मंदिर की बड़ी महिमा है. मंदिर में पहुंचे सभी श्रद्धालुओं की वहां मनोकामना पूर्ण होती है. पुजारी रामनारायण झा ने बताया कि लगभग 300 वर्ष पूर्व से इस सिद्ध स्थल पर स्वत: स्फूर्त शिवलिंग की पूजा अर्चना होती आ रही है.
यहां पर प्राकृतिक चंद्रकूप भी है. तथा मां पार्वती का भी आपरूपी अवतार हुआ है. जालेश्वरनाथ महादेव मंदिर प्रांगण से करीब 300 फीट ऊपर पहाड़ी गुफा में मां वैष्णो देवी की स्वत:स्फूर्त मंदिर, मंदिर परिसर में एक बेल वृक्ष के नीचे नागदेव स्थान तथा मंदिर प्रांगण में पंडित राजदेव का स्थान आस्था का केंद्र है.
जानकारी हो कि मसनजोरा निवासी शिव भक्त तारा महतो ने मन्नत पूर्ण होने पर मंदिर का निर्माण कराया था. इस मंदिर में पंचकलश पर त्रिशूल विराजमान है. शिवरात्रि के अवसर पर यहां भव्य शिव बरात की झांकी निकाली जाती है व मेले का आयोजन होता है.