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मधुपुर : दो किमी दूर तक, घने जंगल से होकर छोटे बच्चे जायेंगे स्कूल

देवीपुर : प्रखंड के 33 विद्यालयों को मर्ज किया जा रहा है, हालांकि देवीपुर बीआरसी से इसकी पुष्टि नहीं की गयी है. जानकारी हो कि विद्यालय मर्ज को लेकर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय मेघरहिया के ग्रामीण, अभिभावक व बच्चों ने विरोध भी जताया था। कारण मेघरहिया स्कूल को मनियारपुर में मर्ज कर दिया गया है। मेघरहिया […]

देवीपुर : प्रखंड के 33 विद्यालयों को मर्ज किया जा रहा है, हालांकि देवीपुर बीआरसी से इसकी पुष्टि नहीं की गयी है. जानकारी हो कि विद्यालय मर्ज को लेकर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय मेघरहिया के ग्रामीण, अभिभावक व बच्चों ने विरोध भी जताया था। कारण मेघरहिया स्कूल को मनियारपुर में मर्ज कर दिया गया है।
मेघरहिया से मनियारपुर स्कूल जाने के रास्ते में जंगल पड़ता है. दूरी करीब दो किमी है. ऐसे में बच्चों के अभिभावक उन्हें दूसरे स्कूल भेजने में परेशानी महसूस कर रहे हैं. वहीं उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय दल्लुरायडीह का सामंजन सरूका विद्यालय में किये जाने का भी ग्रामीणों ने विरोध जताया है.
बच्चे तय करेंगे अधिक दूरी
मारगोमुंडा. प्रखंड क्षेत्र के सात विद्यालयों को दूसरे विद्यालयों में मर्ज करने की अनुशंसा प्रखंड शिक्षा समिति ने की है. इनमें यूपीएस खरमबाद को यूएमएस डुमरिया में, यूपीएस भोडाडाबर को पीएस नावाडीह में, यूपीएस नदियापार को सिमरगढ़ा, यूपीएस मतकोनडीह को यूएमएस परसिया, यूएमएस खिजुरियाटांड़ में, यूपीएस कोलटांड़ को पीएस लहाजोरी में, यूपीएस खुरखुरियो को यूएमएस भंडारो में, पीएस पुरानी चिहुटिया को यूएचएस पंदनिया में मर्ज किया गया है. यूपीएस कोलटांड़ से पीएस लहरजोरी की दूरी दो किलोमीटर से अधिक है. मुख्य पथ तक पगडंडी के सहारे बच्चों को आना-जाना पड़ेगा.
बारिश में पगडंडी पर चल कर जाने की होगी मजबूरी
मधुपुर. प्रखंड क्षेत्र के 18 विद्यालयों को अन्य विद्यालय में मर्ज करने की अनुशंसा प्रखंड शिक्षा समिति ने की है. एनपीएस पहाड़पुर का यूएमएस आदिवासी टोला पहाड़पुर में विलय किया गया है. विद्यालय में 25 बच्चे अध्ययनरत हैं. रास्ता नहीं होने के कारण बच्चे पगडंडी के सहारे विद्यालय आते है. जिस कारण बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में कम है. उर्दू प्राथमिक विद्यालय पनाहकोला का राजकीय कृत मध्य विद्यालय नगरपालिका में विलय कर दिया गया है. विद्यालय की दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर होने के कारण बच्चों को विद्यालय आने में परेशानी होती है. वहीं उर्दू प्राथमिक विद्यालय चांदमारी बालक को कन्या प्राथमिक विद्यालय में मर्ज किया गया है. दोनों विद्यालय भवन आसपास सटे हुए हैं, लेकिन इस विद्यालय में आने के लिए एक मात्र सड़क संकरी गली है. इससे छोटे-छोटे बच्चों को विद्यालय आने-जाने में परेशानी होती है. विद्यालय में पेयजल की कमी है. वहीं विद्यालय के सामने मकान बन जाने से विद्यालय में अध्ययन कर रहे बच्चों को कठिनाई होती है.
नये स्कूल तक जाने का रास्ता नहीं
पालोजोरी. पालोजोरी के 12 स्कूलों को मर्ज किये जाने की संभावना है़ इनमें अंबाटांड़ व महुआटांड़ स्कूल भी शामिल हैं. अंबाटांड़ स्कूल मटियारा पंचायत में है़ इस स्कूल में कुल 53 बच्चे नामांकित है़ इस स्कूल में शत प्रतिशत आदिवासी समुदाय के बच्चे पढ़ते हैं. गांव तक जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है़ गांव पहाड़ी की तलहटी में बसा है़ बच्चों को गढ़सरा अथवा सिमला जाने के लिए बहियार को पार करके जाना पड़ेगा़ बरसात के दिनों में बहुत दिक्कत होगी़ अभिभावकों ने कहा कि स्कूल के मर्ज होेने से छोटे बच्चों को परेशानी होगी़ वहीं महुआटांड़ स्कूल में कुल 29 बच्चे नामांकित हैं. गांव से नजदीकी स्कूल तक जाने के लिए बच्चों को जोरिया व बहियार पार करना पड़ेगा़ इससे बच्चों को परेशानी होगी़ स्कूल को मर्ज करने का विरोध ग्रामीणों ने किया है़ ग्रामीणों व अभिभावकों ने तीन दिन पहले बीआरसी पहुंचकर स्कूल को मर्ज करने विरोध किया था़

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