कोर्ट में काम निबटाने आते हैं अपना, साथ लाना पड़ता है बाइक रखवाला
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केस लड़ें या बाइक की करें निगरानी
कोर्ट में काम निबटाने आते हैं अपना, साथ लाना पड़ता है बाइक रखवाला देवघर : अगर अाप केस मुकदमा लड़ने या ऑफिशियल कार्य के लिए दो पहिया से देवघर कचहरी कैंपस आते हैं तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है. कोर्ट परिसर में वाहन रखने के लिए अदद शेड भी नहीं है. किस वक्त […]
देवघर : अगर अाप केस मुकदमा लड़ने या ऑफिशियल कार्य के लिए दो पहिया से देवघर कचहरी कैंपस आते हैं तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है. कोर्ट परिसर में वाहन रखने के लिए अदद शेड भी नहीं है. किस वक्त आपकी नजर हटी और आपकी बाइक या साइकिल चोर उड़ा ले जायें कोई पता नहीं. दिन भर कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाने की परेशानी तो लगी ही रहती है, अपनी दोपहिया पर भी नजर रखनी होती है. वाहन शेड नहीं रहने के कारण कोर्ट आने वालों को अपना वाहन जहां तहां खड़ा करना पड़ता है. कैंपस में हर दिन हजारों लोग बाइक से कचहरी आते हैं जबकि गरीबों के लिए साइकिल ही सहारा है.
कई लोग चार पहिया से भी कचहरी आते हैं. उनके लिए भी वाहन रखने की व्यवस्था नहीं है. आम लोगों की बात तो छोड़ें कोर्ट आने वाले एडवोकेट भी अपनी बाइक की सुरक्षा के लिए उसमें सीकड़ व ताला जड़कर रखते हैं. हाल के दिनों में जिस प्रकार बाइक व साइकिल चोरी की घटनाएं बढ़ी है, इसकी रखवाली के लिए अलग से आदमी लाना शुरू कर दिया है. कचहरी परिसर में वाहन शेड के लिए सरकारी स्तर पर भी आज तक पहल नहीं की गयी है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
शुल्क देकर रखने को तैयार
कचहरी आने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम की ओर से अगर वाहन शेड बना दिया जाये तो टोकन लेकर अपनी बाइक व वाहन रखने को तैयार हैं. सामान्य शुल्क भी तय कर दिया जाये तो लोग निश्चिंत होकर वाहन काे रखेंगे.उन्होंने सरकारी पहल का अनुरोध भी किया है.
आते हैं बाइक से, रोते हुए पैदल पहुंचते हैं थाना
अपने काम से लोग कचहरी बाइक व साइकिल से तो जरूर आते हैं, लेकिन किसी की भी यदि दोपहिया चोरी हो जाये तो उन्हें आंखों में आंसू लेकर पैदल ही थाना पहुंचना पड़ता है. कोर्ट परिसर से हर साल सैकड़ों मोटरसाइकिल व साइकिल की चोरी हो जाती है. कई घटनाएं तो थाने में दर्ज होती हैं, लेकिन कई घटनाओं का एफआइअार तक नहीं कराते हैं. जानकारी के अनुसार, एक दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं के भी बाइक की चोरी हो चुकी है.
बंदी वाहन लाने में होती है परेशानी
वाहन शेड नहीं रहने के कारण लोग अपनी बाइक, कार व साइकिल जहां तहां रख देते हैं. जिस कारण रास्ते संकरे हो जाते हैं. जब न्यायालय खुला रहता है तो निर्धारित तिथियों पर कारा से बंदियों को कोर्ट हाजत लाने के लिए बंदी वाहन को परेशानी होती है. वाहन को एसडीओ कोर्ट परिसर से वाणिज्यकर कार्यालय होते हुए हाजत तक लाया जाता है. मार्ग की संकीर्णता से हाजत लाने व पुन: हाजत से कारा ले जाने में कई जगहों पर इसे रोकना पड़ता है. इससे बंदियों की सुरक्षा पर खतरे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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