आंदोलनकारी भुइयां, घटवाल और खेतौरी को आदिवासी का दरजा देने, लगवन में हॉल्ट बनाने, न्यू मदनपुर स्टेशन का नाम बदलकर बाबुपुर करने तथा नेतुरपहाड़ी में मेलर की रैयती जमीन की हो रही लूट-खसोट पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे थे. मोरचा द्वारा रेल रोके जाने की घोषणा पिछले सप्ताह ही कर दी गयी थी. इस लिहाज से भारी संख्या में रेलवे के पुलिस बल के अलावा दुमका मुफस्सिल और जामा थाना की पुलिस वहां मौजूद थी. सुबह-सुबह ही मेलर संगठन के लोग अपने परंपरागत हथियार लेकर रेलवे ट्रैक पर उतर आये थे. जब रांची से इंटरसिटी एक्सप्रेस दुमका जा रही थी, तब 7.25 बजे के करीब तीस-पैंतीस आंदोलनकारियों ने उसे रोक दिया.
हालांकि समझाये-बुझाये जाने के बाद उस ट्रेन को उनलोगों ने बीस मिनट के बाद जाने दे दिया. उसके बाद दुमका-भागलपुर पैसेंजर व जसीडीह-दुमका पैसेंजर को आंदोलनकारी रोक पाने में विफल रहे, पर दोपहर बाद 12.48 बजे आनेवाली जसीडीह-दुमका पैसेंजर 53554 डाउन जब 13.05 बजे पहुंची तो न्यू मदनपुर स्टेशन के प्लेटफार्म में घुसने से पहले रेलवे ट्रैक पर उतरे सैकड़ों महिलाओं-पुरुषों ने उसे रोकवा दिया. एक घंटे बीस मिनट तक रुके रहने तथा प्रशासन से हुई लंबी वार्ता तथा आश्वासनों के बाद आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक से हटे, तब जाकर ट्रेन दुमका के लिए 14.27 बजे प्रस्थान कर सकी.