देवघर : देवघर प्रखंड के चांदडीह गांव के किसान करीम अंसारी ने सरकार की धान अधिप्राप्ति केंद्र में धान बेच कर फंस गये हैं. करीम ने दो मार्च 2017 को चांदडीह पैक्स में 51 क्विंटल धान बेचा था, लेकिन लंबे समय तक राशि का भुगतान नहीं होने पर करीम 30 क्विंटल धान वापस ले गये व शेष 21 क्विंटल धान पैक्स में रहने दिया गया.
अब आठ माह बीत जाने के बाद भी 21 क्विंटल धान का समर्थन मूल्य 33 हजार 600 रुपये करीम को नहीं मिल पाये हैं. किसान करीब अपनी मेहनत की कमाई का मूल्य पाने के लिए चांदडीह पैक्स से लेकर नेकॉफ संस्था व डीएसओ तक गुहार लगा चुके हैं, बावजूद भुगतान नहीं होने पर करीम ने डीसी को आवेदन देकर आत्महत्या की अनुमति मांगी है.
हताश किसान ने मांगी…
करीम के अनुसार वह पथरी रोग से ग्रसित है, डॉक्टर ने तीन ऑपरेशन करने की सलाह दी है. इसमें दो ऑपरेशन कर्ज लेकर करा चुके हैं, अब तीसरा ऑपरेशन कराना है. अगर धान का पैसा नहीं मिला तो बीमारी गंभीर हो सकती है. तड़प-तड़पकर मरने से बेहतर है कि वह आत्महत्या ही कर लें, इसकी अनुमति दी जाये.
ऑपरेशन के लिए 30 क्विंटल धान पैक्स से वापस लिया
करीम ने बताया कि खेती पर ही उनका पूरा परिवार समेत बुजुर्ग माता-पिता की जिंदगी टिकी हुई है. पूरे एक साल की कमाई सरकारी प्रक्रिया में फंस कर रह गयी. मैंने 1600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान प्राप्त करने के लिए पैक्स में 51 क्विंटल धान दिया था, इस बीच मुझे पथरी रोग का ऑपरेशन कराने के लिए पैसे की जरूरत पड़ गयी.
लंबे समय तक पैसे नहीं मिलने पर 30 क्विंटल धान पैक्स से वापस लेकर बाजार में औने-पौने दर पर बेचना पड़ा व उस पैसे से ऑपरेशन पहला ऑपरेशन कराया. दूसरा ऑपरेशन कर्ज लेकर करना पड़ा. करीम ने कहा कि पैक्स अध्यक्ष ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही शेष 21 क्विंटल धान का भुगतान हो जायेगा, लेकिन कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते अब थक-हार चुका हूं. जिन लोगों से बीमारी के इलाज के लिए कर्ज लिये थे वे रोज पैसे मांग रहे हैं, ऐसी स्थिति में मेरे पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.
करीम के पेट में है पथरी, डॉक्टरों ने दी है तीन ऑपरेशन की सलाह
दो ऑपरेशन कर्ज लेकर करा लिया अब तीसरे के लिए नहीं है पैसा
करीम अंसारी का आवेदन हमने देखा है. पहले भुगतान की जिम्मेवारी नेकॉफ को थी. पूरे मामले की सत्यता की जांच बीसीओ के माध्यम से करायी जा रही है. बीसीओ पैक्स, राइस मिल व नेकॉफ के दस्तावेजों से जांच करेंगे. अगर करीम का दावा सही है तो उन्हें निश्चित रूप से धान का भुगतान मिलेगा.
– प्रवीण कुमार प्रकाश, डीएसओ, देवघर