Chaibasa News: संप्रेक्षण गृह से फरार 13 बच्चे अब भी लापता, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा में सेंध, फरार बच्चों की खोज में प्रशासन नाकाम

By MANJEET KUMAR PANDEY | April 11, 2025 12:30 AM

चाईबासा.महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से संचालित बाल संप्रेक्षण गृह से 1 अप्रैल को फरार हुए 21 बच्चों में से अबतक केवल 8 को वापस लाया जा सका है. जबकि 13 बच्चे अब भी लापता हैं. बच्चों की वापसी के लिए विभागीय प्रयास जारी हैं. लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है. मामले की गंभीरता के बावजूद अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे यह मामला उलझता जा रहा है.

गृहपति को कारण बताओ नोटिस, कार्य में लापरवाही का आरोप

संप्रेक्षण गृह की अधीक्षक सह जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने इस मामले में गृहपति के पद पर कार्यरत पवन कुमार निषाद को 27 मार्च 2025 को कारण बताओ नोटिस (शोकॉज) जारी किया है. नोटिस में उल्लेख किया गया है कि श्री निषाद 19 मार्च से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं, जो कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है. अधीक्षक ने पूछा है कि क्यों न उनके संविदा अनुबंध को निरस्त कर दिया जाए. उन्हें 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश भी दिया गया है.

पद से हटाने की मांग पहले ही कर चुके थे निषाद

पवन कुमार निषाद का कहना है कि वे पहले ही 16 अगस्त 2023 को गृहपति के पद से हटाने की मांग कर चुके थे. लेकिन उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि उनका मूल पद लेखापाल सह भंडारपाल का है. वे 1 से 10 मार्च तक सदर अस्पताल में भर्ती थे और 19 मार्च से चेचक की बीमारी के चलते छुट्टी पर हैं, जिसकी सूचना उन्होंने विभाग को व्हाट्सएप पर दी थी.

संप्रेक्षण गृह की स्थिति पर उठाए सवाल

श्री निषाद ने 8 अप्रैल को डीसी को आवेदन सौंपकर बताया कि संप्रेक्षण गृह की स्थिति अच्छी नहीं है और वहां काम करना सुरक्षित नहीं है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन पर पूर्व में जानलेवा हमला हो चुका है. उन्होंने कहा कि मानसिक और शारीरिक रूप से असमर्थ होने के चलते उन्होंने गृहपति का दायित्व छोड़ने की सूचना पहले ही दे दी थी. फिलहाल वे अवकाश पर हैं लेकिन उनसे मूल पद का कार्य करवाया जा रहा है.

संप्रेक्षण गृह में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

गौरतलब है कि इस संप्रेक्षण गृह से पहले भी कई बार बच्चे फरार हो चुके हैं. 5 अगस्त 2024 को भी तीन बच्चे रात में फरार हुए थे, जिनमें एक गंभीर रूप से घायल हो गया था और उसके पैर में रॉड लगानी पड़ी थी. वह बच्चा अभी भी एमजीएम अस्पताल में इलाजरत है. इससे पहले फरवरी 2023 में भी एक बच्चा फरार हुआ था.

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