जैनामोड़ : बांग्लादेश के जेल में बंद जैनामोड़ का युवक मंगलवार को सकुशल लौट आया है. जरीडीह थानांतर्गत गांगजोरी पंचायत के बारहमसिया गांव से 12 वर्ष पूर्व लापता 40 वर्षीय युवक साधुचरण महतो उर्फ सुद्घुचरण मठ को जरीडीह थाना के एसआइ एसके पांडेय व भाई राधु प्रसाद महतो दोनों देशों की सीमा वनगांव से 15 किमी आगे पेट्रोपॉल से लाये.
इससे पूर्व बांग्लादेश व भारत के उच्चायोग व अन्य अधिकारियों ने सारी प्रक्रिया पूरी की. गौरतलब है कि साधुचरण महतो उर्फ सुद्घुचरण मठ (पिता मुकुंद महतो) मानसिक रोगी है और भटकते-भटकते सीमा पार बांग्लादेश चला गया. बांग्लादेश की सरकार ने उसे संदिग्ध मान कर गिरफ्तार कर लिया था. पिता मुकुंद महतो के मुताबिक साधुचरण चास कॉलेज से इंटर विज्ञान संकाय से उत्तीर्ण होने के बाद साधुचरण को झाड़-फूंक करने का शौक हुआ.
उस समय के बाद से उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी. साधुचरण घर से निकलने के वक्त एक मुठ्ठी चावल व एक बिस्तर लेकर निकला था. उसके बाद से वह गायब ही हो गया़ परिजनों ने उसके लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी. अप्रैल माह में बांग्लादेश (ढाका) सरकार ने उक्त युवक से मिली मामूली जानकरी के आलोक में भारत सरकार के उच्चायोग से पत्राचार कर नागरिकता सत्यापन के लिए जवाब-तलब किया. उच्चायोग को एक प्रक्रिया के तहत साधुचरण के परिजनों से संपर्क साधने में कामयाबी मिली.
बांग्लादेश के केंद्रीय कारा जेशोर जेल में बंद युवक के विक्षिप्त होने के चलते युवक भले ही अपना नाम गलत (साधुचरण महतो के बदले सुद्घुचरण मठ) बता दिया, पर बताये गये सही पता की निशानदेही पर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के विदेश मंत्रालय व उच्चायोग से संपर्क साध कर युवक को स्वदेश भेज दिया़