इसके बाद सीबीएसइ उन विषयों की पहचान करेगा, जिसमें संबंधित स्कूल कमजोर रहा या किसी विषय विशेष के कारण पूरे स्कूल का परिणाम प्रभावित हुआ. विषयों और स्कूलों की पहचान होने के बाद उनके लिए उपचारात्मक प्रक्रि या शुरू की जायेगी. इसमें प्रशिक्षण, परिणाम बेहतर करने के लिए जरूरी बदलाव आदि कार्य किये जायेंगे.
इस प्रक्रि या को नया सत्र शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जायेगा. चिन्मय विद्यालय के प्राचार्य सह सीबीएसइ के सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ अशोक सिंह ने सोमवार को बताया : टीएनआइ के तहत छात्रों के लिए कोई योजना नहीं होगी, बल्कि स्कूलों के लिए ही प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी.