नितिका व सृष्टि को 10 दिवसीय जापान भ्रमण कार्यक्रम के तहत पर्यटन स्थल, प्रोद्यौगिकी संस्थान, शैक्षणिक संस्थान के भ्रमण के साथ-साथ दो दिनों तक जापानी परिवार में रहने का मौका मिला, जिसके तहत उन्होंने अपनी संस्कृति की जानकारी उन्हें दी व वहां की संस्कृति को सीखने की कोशिश की.
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जापानियों को सिखायी भारतीय संस्कृति
बोकारो: दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो की 10वीं की नितिका नव्या व 11 वीं की सृष्टि कुमार ने ‘जेनेसिस’ (जापान-इस्ट एशिया नेटवर्क फॉर एक्सचेंज फॉर स्टूडेंट्स एंड यूथ) प्रोग्राम, जो मानव संसाधन विकास मंत्रलय आयोजित करता है, के तहत जापान का भ्रमण किया. नितिका व सृष्टि को 10 दिवसीय जापान भ्रमण कार्यक्रम के तहत पर्यटन स्थल, […]
बोकारो: दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो की 10वीं की नितिका नव्या व 11 वीं की सृष्टि कुमार ने ‘जेनेसिस’ (जापान-इस्ट एशिया नेटवर्क फॉर एक्सचेंज फॉर स्टूडेंट्स एंड यूथ) प्रोग्राम, जो मानव संसाधन विकास मंत्रलय आयोजित करता है, के तहत जापान का भ्रमण किया.
डीपीएस की दोनों छात्रओं ने जापानी परिवार को हिन्दी में नाम लिखना सिखाया. ‘जेनेसिस’ के तहत एशियाई देशों के युवाओं को जापान भ्रमण के लिए आमंत्रित किया जाता है. इस यात्रा के माध्यम से एक-दूसरे की खूबियों को समझने व विचारों के आदान-प्रदान का मौका मिलता है. इससे नयी पीढ़ी जापान से कुछ नया सीखती है. नितिका व सृष्टि ने जापान यात्र की विस्तारपूर्वक जानकारी निदेशक सह प्राचार्या डॉ हेमलता एस मोहन को दी. कहा : जापान की प्रगति व विकास का कारण टेकAोलॉजी, संस्कृति व भाषा के बीच बेहतर तालमेल व समन्वय है.
जापान में भाषा व संस्कृति के साथ अटूट रिश्ता : नीतिका
नीतिका नव्या ने बताया : जापान में भाषा व संस्कृति के साथ अटूट रिश्ता है. इतना ही नहीं जापान के नागरिक टेकAोलॉजी के इस युग में भी अंगरेजी की बजाय अपनी भाषा का अधिक इस्तेमाल करते हैं. संस्कृति के साथ उनका विशेष लगाव दिखा. जापानी अनुशासन पर विशेष ध्यान देते हैं. सड़क पर ट्रैफिक पुलिस नजर नहीं आयी, लेकिन ट्रैफिक नियम का पालन हर व्यक्ति को करते दिखा. साइकिल वहां की विशेष सवारी है, जिसका इस्तेमाल छात्र से लेकर सीइओ तक करते हैं. इससे न केवल ऊर्जा की बचत होती है, बल्कि स्वास्थ्य भी ठीक रहता है. सेक्टर 4 सी क्वार्टर नंबर 1069 निवासी निकिता नव्या के पिता डॉ सुजीत परेरार बीएसएल में सहायक निदेशक (मेडिकल हैं.) वहीं माता स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अंजू परेरा हैं.
विकास के लिए देशभक्ति के साथ टेकA ोलॉजी जरूरी : सृष्टि
सृष्टि कुमार ने बताया : किसी भी देश के विकास के लिए देश भक्ति के साथ-साथ टेकAोलॉजी, अनुशासन, भाषा व संस्कृति के साथ बेहतर तालमेल व समन्वय जरूरी है. यह सब कुछ जापान में उपलब्ध है. इसी से जापान की गिनती विकसित राष्ट्र के रूप में हो रही है. वहां हमने जापान की संस्कृति देखी. भारत की संस्कृति व त्योहारों की जानकारी जापानियों को दी. कहा : जापानियों द्वारा अंगरेजी के कम इस्तेमाल करने के कारण भारत से गयी टीम के सदस्यों को थोड़ी कठिनाई जरूर हुई, लेकिन भाषा व संस्कृति के प्रति प्रेम को देख कर प्रेरणा भी मिली. सेक्टर 4 डी क्वार्टर नंबर 6070 निवासी सृष्टि के पिता सुजय कुमार बीएसएल में सहायक महाप्रबंधक (वित्त) हैं, वहीं माता दी पेंटीकॉस्टल असेंबली स्कूल की अंगरेजी शिक्षिका हैं.
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