कुंडहित : रोजगार देने के नाम पर तीन आदिवासी लड़की को बहला फुसला कर नेपाल ले जाकर अवैध धंधा और ईल फिल्म बनाने का मामला प्रकाश में आया है. इस धंधे में संलिप्त युवक भी आदिवासी है जो कुंडहित थाना क्षेत्र के गुंदलुडीह गांव का रहने वाला है. जानकारी के मुताबिक रात में शौच के बहाने नेपाल से भाग कर लौटी उनमें से एक लड़की कल्पना सोरेन (काल्पनिक नाम) ने कुंडहित थाना पहुंच कर आपबीती बतायी.
पीड़िता दुमका के टोंगरा थाना के महिशा मुंगुर गांव की रहने वाली है. थाना प्रभारी को आपबीती सुनाते हुए बताया कि 17 नंवबर 2013 को कुंडहित के धेनुकडीह मोड़ पर आदिवासी जात्र देखने के लिए पहुंची थी तथा साथ में उसके साथ दो और लड़की भी थी. इसी दौरान गुंदलुडीह गांव के मानिक बास्की के साथ उनलोगों का परिचय हुआ तथा मानिक ने रोजगार के संबंध में बताया. वे तीनों जाने के लिए तैयार हो गयी. 26 नवंबर को तीनों लड़कियों को लेकर वह नेपाल के एक छोटे से गांव में ले आया.
मानिक बास्की वहां पहुंचा कर उसी दिन भाग गया. चार दिन बाद वहां के लोगों ने उनलोगों के साथ जबरन फिल्म बनाना शुरू कर दिया. विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी. कल्पना सोरेन ने बताया कि 20 दिनों तक उनके साथ अवैध धंधा कराया गया. संयोग से एक रात शौच का बहाना बना कर वह वहां से भाग निकली.