मुख्य रूप से झारखंड की भाषा एवं बोली, जेपीएससी की तैयारी के लिए लिखी गयी नागपुरी पुस्तक, उच्च विद्यालय शिक्षक नियुक्ति से संबंधित सहित पांच से अधिक पुस्तकों की फोटोकॉपी करा कर उसे कम दामों में बेचा जा रहा था. पुस्तकों की फोटोकॉपी सरस्वती मार्केट (मारवाड़ी स्कूल के पीछे) स्थित दुकान ज्ञान गंगा, बुक प्वाइंट, फार्म सेंटर (शिवांगन प्रकाशन), गुप्ता बुक सेंटर तथा सफल प्रकाशन नामक दुकान में बेची जा रही थी.
इन पुस्तकों के लेखक डॉ बीपी केसरी, डॉ सविता कुमारी, डॉ उमेश नंद तिवारी, डॉ गिरिधारी राम गंझू, डॉ शकुंतला मिश्रा व डॉ राम प्रसाद हैं. असली पुस्तक की फोटोकॉपी बेचे जाने की जानकारी जब लेखिका डॉ शकुंतला मिश्रा व डॉ गिरिधारी राम गंझू को हुई, तो उन्होंने इसकी जानकारी कोतवाली पुलिस को दी. कोतवाली पुलिस ने मामले काे गंभीरता से लेते हुए छापेमारी शुरू की और सभी दुकानों से असली पुस्तकों की फोटोकॉपी जब्त की. इधर, लेखिका डॉ शकुंतला मिश्रा व लेखक डॉ गिरिधारी राम गंझू ने बताया कि असली पुस्तक नहीं बिकने के कारण उनकी रॉयल्टी मारी जा रही थी. उन्हें लगा कि इतनी उपयोगी पुस्तक क्यों नहीं बिक रही है़.
उन्होंने छानबीन शुरू की, तो इसका असली कारण पता चला. इस संबंध में आकाशवाणी की उदघोषिका सह लेखिका शकुंतला मिश्र ने कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है़ लेखक वीरेंद्र कुमार महतो के नागपुरी भाषा व्याकरण एक अध्ययन पुस्तक के भी कई अंश सफल प्रकाशन द्वारा छापा गया था. इस मामले में उन्हेांने सफल प्रकाशन प्रबंधन से पहले भी आपत्ति दर्ज करायी थी़