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सीआइडी को जांच में नहीं मिले डिंपू सिंह के खिलाफ साक्ष्य, दे दिया क्लीन चिट

रांची: झारखंड और बिहार पुलिस की नजर में मोस्ट वांटेड अपराधी डिंपू सिंह उर्फ राकेश को पुलिस ने 29 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके बाद व्यवसायी अनूप चावला गोली कांड में पुलिस ने उसकी संलिप्तता की दावेदारी की थी. पुलिस की टीम ने उसे कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र स्थित एक प्राइवेट गेस्ट हाउस […]

रांची: झारखंड और बिहार पुलिस की नजर में मोस्ट वांटेड अपराधी डिंपू सिंह उर्फ राकेश को पुलिस ने 29 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके बाद व्यवसायी अनूप चावला गोली कांड में पुलिस ने उसकी संलिप्तता की दावेदारी की थी. पुलिस की टीम ने उसे कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र स्थित एक प्राइवेट गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उसे रांची लाया गया था. पुलिस ने उसकी निशानदेही पर एक हथियार भी बरामद किया था. चुटिया पुलिस ने डिंपू सिंह और उसके एक सहयोगी को आर्म्स एक्ट के केस में जेल भेज दिया था.

जेल भेजने से पहले पुलिस अधिकारियों ने डिंपू से पूछताछ की थी. जिसके आधार पर पुलिस अधिकारियों ने यह भी दावा किया था कि अनूप चावला गोली कांड में डिंपू सिंह ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली. उसने घटना के पीछे एक सफेदपोश व्यवसायी का हाथ होने की जानकारी थी. हालांकि अनूप चावला गोली कांड का केस सीआइडी के पास था. केस के अनुसंधानक वर्तमान में सीआइडी रांची टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर मो नेहाल हैं. सीआइडी इंस्पेक्टर मो नेहाल को केस के अनुसंधान के दौरान अनूप चावला गोली कांड में डिंपू सिंह की संलिप्तता के संबंध में ठोस साक्ष्य नहीं मिले, जिस कारण उसके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दायर नहीं की गयी. डिंपू को सीआइडी ने क्लीन चिट दे दिया.

डिंपू सिंह की संलिप्तता के संबंध में पुलिस की दावेदारी और सीआइडी के अनुसंधान में साक्ष्य नहीं मिलने से कई सवाल उठने लगे हैं. उल्लेखनीय है कि 29 जून 2015 की रात अपराधियों ने व्यवसायी अनूप चावला को कडरू मोड़ स्थित उनकी शराब दुकान में घुस कर गोली मार दी थी. घटना को लेकर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ चुटिया थाने में केस दर्ज किया गया था. जब पुलिस अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्र नहीं कर पायी, तब केस सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया गया था. सीआइडी को वर्तमान में अनूप चावला गोली कांड में अपराधी राकेश सिंह, सुजीत उपाध्याय और मुन्ना सिंह की संलिप्तता पर संदेह है, लेकिन वे भी सीआइडी की पकड़ से बाहर हैं.

डिंपू के खिलाफ पुलिस ने नहीं की सीसीए की कार्रवाई : चुटिया थाना से आर्म्स एक्ट के केस में जेल भेजने के बाद डिंपू सिंह को इस केस में जमानत मिल गयी. इसके बाद वह चुटिया थाना क्षेत्र स्थित एक मकान में रहने लगा. इस दौरान पुलिस के स्तर से उस पर सीसीए एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की गयी. कुछ दिन पूर्व बबलू खान को हथियार सप्लाई करने में डिंपू सिंह का भी नाम सामने आया था. इसके बाद जब कांके पुलिस ने उसकी तलाश की, तब पता चला कि वह कोलकाता भाग चुका है.
अनूप चावला गोलीकांड में डिंपू सिंह उर्फ राकेश शामिल नहीं था. वह केस में वांटेड भी नहीं था. इसलिए मामले में उसके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दायर नहीं की गयी थी.
इंस्पेक्टर मो नेहाल, सीआइडी टीम प्रभारी रांची
कई बिंदुओं पर उठ रहे सवाल
केस में जहानाबाद के अपराधी राकेश सिंह की संलिप्तता की जानकारी पुलिस को मिली थी. कहीं ऐसा तो नहीं कि पुलिस ने डिंपू सिंह उर्फ राकेश को गिरफ्तार कर उसे जहानाबाद का अपराधी राकेश सिंह समझ लिया था और गोलीकांड में उसकी दावेदारी की.
कहीं ऐसा तो नहीं कि पुलिस ने डिंपू सिंह की संलिप्तता के बारे में सही दावेदारी की थी, लेकिन अनुसंधान के दौरान सीआइडी ने उसकी संलिप्तता के बारे में साक्ष्य एकत्रित नहीं कर पाया और उसे क्लीन चिट दे दिया.

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