नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के बताये गये 27 में से 21 बिंदुओं पर कदम उठाया है. अन्य छह महत्वपूर्ण बिंदुओं का अब तक समाधान नहीं किया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम, जाकिर उर रहमान लखवी जैसे आतंकियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की गयी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के 3800 से ज्यादा बार जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और असैन्य इलाकों को भी निशाना बनाया. वहीं, आतंकियों को घुसपैठ कराने का प्रयास करने के साथ-साथ ड्रोन के जरिये हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा दिया.
प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि, ''यह दोनों पक्षों के बीच 2003 के संघर्षविराम सहमति का सरासर उल्लंघन है.'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के साथ डीजीएमओ स्तरीय बातचीत में यह मुद्दा लगातार उठाया जाता रहा है. आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डाले जाने की संभावना के संबंध में उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकरोधी नियामक ने ऐसी कार्रवाई के लिए मानक प्रक्रिया निर्धारित की है.
उन्होंने कहा, ''ऐसा समझा जाता है कि एफएटीएफ द्वारा बताये गये 27 बिंदुओं में से केवल 21 पर कदम पाकिस्तान ने उठाया है. अन्य छह महत्वपूर्ण बिंदुओं के समाधान के लिए अब तक कदम नहीं उठाये गये हैं.'' उन्होंने कहा, ''सबको पता है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों और आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराता है. मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम, जाकिर उर रहमान लखवी आदि जैसे कई आतंकियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की गयी है.''