हाजीपुर : दवा की ऑनलाइन बिक्री को प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर दवा व्यवसायियों द्वारा घोषित एक दिन की हड़ताल का जिला मुख्यालय हाजीपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक असर देखा गया.
अपनी मांगों को लेकर वैशाली जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर जिले भर की दवा दुकानें बंद रहीं. दवा दुकानों की हड़ताल के कारण बुधवार को दिन भर मरीजों को हलकान होना पड़ा. इस दौरान सरकारी अस्पतालों में विशेष इंतजाम किये गये थे.
बंद रही करीब 400 दवा दुकानें : मुख्यालय हाजीपुर सहित प्रखंडों के करीब 400 दवा दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों को बंद रख कर एसोसिएशन की मांगों का समर्थन किया.
लालगंज संवाददाता के अनुसार लालगंज बाजार एवं देहाती क्षेत्र के दवा दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखीं, जिस कारण क्षेत्र के रोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि हड़ताल को देखते हुए स्थानीय निजी क्लिनिकों एवं नर्सिंग होम के व्यवस्थापक पहले से ही काफी सतर्क दिखे.
जिन्होंने कोई नया ऑपरेशन आदि कार्य नहीं किया. महुआ सदर संवाददाता के अनुसार दवाओं की ऑनलाइन बिक्री किये जाने के विरोध में बुधवार को महुआ बाजार की तमाम अंगरेजी दवा खाने पूर्णत: बंद रहे, जिसके कारण मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ी.
दवा दुकानदारों ने दिया धरना : हड़ताली दवा दुकानदारों ने अपने आंदोलन के दौरान हाजीपुर शहर में धरना देकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया. वैशाली जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित धरना सभा में रवींद्र शर्मा, संजीव कुमार फनफन, अनिल कुमार यादव, कुंदन कुमार, मनोज साह, संजीव यादव, राम प्रवेश राय, मो अफजल, माही, मुन्ना सिंह आदि शामिल हुए.
क्यों हुई दवा दुकानों की हड़ताल : ऑन लाइन फार्मेसी का विचार, केमिस्टों को नहीं है स्वीकार. ऑन लाइन से युवाओं में बढ़ेगा नशे की प्रवृत्ति का विकार. मरीजों के स्वास्थ्य एवं दवा की गुणवत्ता से खिलवाड़ की संभावना.
ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन रक्षक दवाओं का होगा घोर अभाव. केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट के साथ उनके कर्मचारी होंगे इससे प्रभावित. फार्मासिस्टों की समस्याओं में और होगी बढ़ोतरी.
क्या कहते हैं महासचिव
वैशाली जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि जिले भर के थोक एवं खुदरा दवा दुकानदारों ने अपनी मांगों को लेकर दुकानों को बंद रख कर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध जताया है.
हालांकि हड़ताल के दौरान जिले के प्रमुख अस्पतालों के आसपास जनहित में कुछ खुदरा दवा विक्रेताओं को दुकान खोले रखने का निर्णय लिया गया था ताकि इमरजेंसी में मरीजों को दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.
राजेश कुमार गुप्ता, महासचिव
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
दवा दुकानदारों की देशव्यापी हड़ताल को देखते हुए जिले भर के सरकारी अस्पतालों में दवाओं के विशेष इंतजाम किये गये थे. हाजीपुर सदर अस्पताल में विशेष चौकसी बरती गयी. हड़ताल के दौरान जिले के किसी भी हिस्से से दवाओं की अनुपलब्धता के कारण कोई परेशानी नहीं होने की सूचना है.