मुजफ्फरपुर : कुख्यात राजेश कुमार उर्फ चुन्नू ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी मंगलवार को रात करीब दो बजे हुई. गिरफ्तारी चुन्नू की ससुराल सुभई जमालपुर के चौर से हुई.
इसमें सीआरपीएफ, कोबरा के साथ एसएसबी के जवानों को लगाया गया था, जिसका नेतृत्व वैशाली एसपी राकेश कुमार खुद कर रहे थे. गिरफ्तारी से पहले एसपी ने गोरौल थाना पर मीटिंग कर रणनीति बनायी थी. गिरफ्तारी के बाद पुलिस चुन्नू के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर रही है, जहां पर हथियारों का जखीरा छुपाये जाने की सूचना पुलिस को मिली है. एक साथ वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा व मोतिहारी जिले के कई ठिकानों पर छापेमारी जारी है. हालांकि, अब तक पुलिस को हथियार हाथ नहीं लग पाया है.
बताया जाता है कि वैशाली के चपुता गांव के पूर्व जिला पार्षद राजेश कुमार ठाकुर की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था. राजेश ने चुन्नु से सहयोग मांगा. इसके बाद चुन्नु करीब सौ-डेढ़ सौ लोगों के साथ हथियार लेकर पहुंचे और उक्त जमीन को राजेश के कब्जा में करा दिया. इधर, पुलिस को सूचना मिली कि जदयू विधायक सुनील पांडेय के शार्गिदों को हथियारों का बड़ा जखिरा उपलब्ध कराने के लिए रखा गया है.
चुन्नु अपने ससुराल सुभई जमालपुर में छुपा हुआ है. जिसके बाद नक्सलियों व अपराधियों के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए पहुंचे अर्धसैनिक बलों के साथ मंगलवार की रात छापेमारी शुरू हुई.
जब चुन्नु को लगा कि हथियारों के साथ उसका पूरा काफिला गिरफ्तार हो जायेगा, तो वह जमालपुर चौर से आगे बढ़ कर पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. इस दौरान उसके अन्य सहयोगी हथियार लेकर फरार हो गये. जिस समय वह गिरफ्तार हुआ. उस समय एक शिक्षक सहित तीन और लोग भी गिरफ्तार हुए.
छोटन शुक्ला के साथ जुड़ा था अपराध जगत में
राकेश कुमार उर्फ चुन्नु ठाकुर अपराध जगत में बाहुबली छोटन शुक्ला के शार्गिद में आकर अपराध जगत में अपना पांव रखा था. हालांकि, बीच के दौर में छोटन शुक्ला के भाई भुटकुन शुक्ला से उसकी अनबन हुई. इस कारण कुछ दिनों के लिए उसकी दूरी शुक्ला बढ़ गयी थी, लेकिन फिर कुछ ही समय बाद नजदीक आ गया.
ठेकेदार मनन सिंह हत्या कांड में भी था साजिशकर्ता
चर्चित ठेकेदार मनन सिंह को 31 सितंबर 2004 को अभियंता आदित्य नाथ ठाकुर व ठेकेदार अफताब सिद्दकी की हत्या गायघाट थाना के बेरुआ स्थित एक लाइट होटल पर दिनदहाड़े कर दी गयी थी. तीनों को अत्याधुनिक हथियारों से छलनी कर दिया गया था. जिसमें साजिश कर्ता के रू प चुन्नु ठाकुर का नाम सामने आया था. दरभंगा के ठेकेदार अरुण मंडल की अप्रैल 2004 में हत्या हुई थी. उसमें भी चुन्नु ठाकुर का नाम आया था.
चौरसिया अपहरण कांड को दिया था अंजाम
हाजीपुर के चर्चित चौरसिया अपहरण मामले में रांची के कुख्यात अपराध कर्मी अनिल शर्मा के साथ मिल कर घटना को अंजाम दिया था. ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष मो अब्बास हत्या कांड में भी चुन्नु का नाम चर्चा में आया था. इसके अलावा पुलिस मुखबीर पंकज हत्या कांड में भी चुन्नु ठाकुर का नाम चर्चा में रहा. मोतिहारी के ठेकेदार व पुलिस मुखबीर माने जाने वाले रामप्रवेश की हत्या मिठनपुरा थाना के कालीबाड़ी रोड में हुई थी. उसमें भी चुन्नु का नाम चर्चा में था.
रत्नेश से थी अदावत
चुन्नु ठाकुर कुख्यात अपराधी रत्नेश ठाकुर का शार्गिद माने जाता था, लेकिन बीच के कुछ समय दोनों के बीच जम कर अदावत हुई. दोनों एक-दूसरे के कई सहयोगियों की भी हत्या की.