बातचीत. नेपाल और बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करेगा बिहार
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भूटान से भी सुधरेंगे रिश्ते : विजेंद्र
बातचीत. नेपाल और बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करेगा बिहार सरकार गठन के बाद बिजली क्षेत्र की सुधार पर भी जोर दिया गया है. यही कारण है कि सरकार द्वारा सभी अनुमंडल में अब पावर सब स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है. दरभंगा, सहरसा और पूर्णिया प्रमंडल में ही अब तक 28 पावर सब स्टेशन […]
सरकार गठन के बाद बिजली क्षेत्र की सुधार पर भी जोर दिया गया है. यही कारण है कि सरकार द्वारा सभी अनुमंडल में अब पावर सब स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है. दरभंगा, सहरसा और पूर्णिया प्रमंडल में ही अब तक 28 पावर सब स्टेशन का निर्माण हो चुका है.
सुपौल : वर्ष 2005 में सरकार गठन के वक्त बिहार में 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था. जिसे बढ़ा कर अब चार हजार मेगावाट के करीब पहुंचा दिया गया है. उक्त बातें ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने पत्रकारों को कहीं. उन्होंने कहा कि कल तक हम बिजली के मामले में सबसे बड़े आयातक राज्य थे, लेकिन अब स्थिति यह है कि हम नेपाल और बांग्लादेश को भी बिजली आपूर्ति करेंगे. इसके अलावा भूटान से भी रिश्तों में सुधार के प्रयास हो रहे हैं. जहां से फिलहाल बिहार को बिजली आपूर्ति हो रही है
. पूर्व में विशेष तौर पर उत्तर बिहार का इलाका बिजली सहित अन्य कई मामले में काफी पिछड़ा हुआ था. लेकिन सरकार गठन के बाद इस क्षेत्र के सुधार पर भी जोर दिया गया है. यही कारण है कि सरकार ने सभी अनुमंडल में अब पावर सब स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है. दरभंगा, सहरसा और पूर्णिया प्रमंडल में ही अब तक 28 पावर सब स्टेशन का निर्माण हो चुका है, जबकि दो का प्रस्ताव पारित है. शीघ्र ही इसका निर्माण कर लिया जायेगा.हाइडल पावर पर सरकार का विशेष जोर है. नेपाल प्रभाग में कुशहा के समीप द्विपक्षीय समझौता के तहत पावर प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है.
इसके अलावा वीरपुर के कटैया पावर प्लांट की क्षमता वृद्धि के लिए भी योजना तैयार है. इस प्लांट से पूर्व से ही नेपाल को बिजली आपूर्ति हो रही है. लेकिन इसमें वृद्धि की योजना है. इसके अलावा शीघ्र ही कटिहार जिला में प्लांट स्थापित कर बंगलादेश को भी बिजली आपूर्ति की योजना बन कर तैयार है. इस दिशा में कार्य भी आरंभ कर दिया गया है. मंत्री ने बताया कि किशनगंज के रास्ते भूटान से फिलहाल ट्रांसमिशन लाइन बिछी हुई है, जिसे और सुदृढ़ करने पर सहमति बन चुकी है और शीघ्र ही भूटान से विद्युत आपूर्ति में भी इजाफा होना है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मानसी से सहरसा के बीच रेल ट्रैक के समानांतर विद्युत लाइन तैयार करने को स्वीकृति दी गयी है.
इससे इस ट्रैक पर भी विद्युत इंजन के माध्यम से रेलवे का परिचालन होगा. आगे कहा कि रेलवे की आवश्यकता को देखते हुए उनके द्वारा रेल प्रशासन पर कुछ दबाव भी बनाया गया. जिसके कारण 12 वर्षों से लंबित सुपौल-सहरसा रेल लाइन पर आमान परिवर्तन के कार्य को हरी झंडी मिल गयी है. प्रथम फेज में सरायगढ़ तक रेल परिचालन की मांग रेलवे प्रशासन से की गयी थी. लेकिन इस रूट में पुल-पुलियों का निर्माण पूरा होने में देरी की वजह से फिलहाल सुपौल तक ही इस वर्ष रेल परिचालन का आश्वासन मिला है.
नोटबंदी को लेकर साधा निशाना
ऊर्जा मंत्री श्री यादव ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. कहा कि यह अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाने वाला निर्णय है. इससे नकली नोटों का कारोबार जरूर प्रभावित होगा. लेकिन सरकार को यह समझने की आवश्यकता है कि धन नहीं, उसे रखने वाले का मन काला होता है. देश में शून्य भ्रष्टाचार की परिकल्पना ही संभव नहीं है. क्योंकि भ्रष्टाचार मनुष्य के मनोवृत्ति में है. यही कारण है कि भगवान के घर भी चढ़ावा चढ़ाया जाता है. कहा के सभी मोटा कारोबार कैशलेस ही होता है. लेकिन फुटकर व्यापारियों की संख्या इस देश में काफी अधिक है. ऐसे में कैशलेस अर्थव्यवस्था की परिकल्पना ही बेमानी होगी.
कहा कि स्वयं उनके पैतृक गांव में बीएसएनएल का नेटवर्क नहीं है और ऐसे सैकड़ों गांव है. सूबे का नौ प्रखंड ऐसा है, जहां एक भी कॉमर्शियल बैंक की शाखा नहीं है. इस स्थिति में कैशलेस की चाह केवल एक बचकाना हरकत है. सरकार को चाहिए कि पहले हर पंचायत तक बैंक की सुविधा उपलब्ध कराये.
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