बलुआ बजार/सुपौल : छातापुर प्रखंड में सरकार भले ही लाख दावे कर ले कि गांव में विकास हो रहा है लेकिन बहुत से ऐसे गांव या मुहल्ला हैं जो विकास की दावे का पोल खोल रहा है बारिश के कारण कई गांव की सड़कों का हाल बेहाल हो गया है चार पहिये और दो पहिये तो दूर यहां तक की पैदल चलने का रास्ता तक नहीं है। ऐसे ही एक गांव है लक्ष्मीनियां पंचायत के वार्ड नंबर 11 जहां ग्रामीण अभी भी विकास से कोसो दूर है.
मालूम हो कि 2008 में आई कोशी त्रासदी ने इस प्रधानमंत्री ग्राम सड़क जो लक्ष्मीनियां पंचायत को सीधी एनएच 57 से होकर मधुबनी पंचायत को जोड़ती है सड़क को बनाने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई थी पर बाढ़ ने सब किया धराया पर पानी फेर दिया लेकिन बाढ़ आने के आठ साल बाद भी किसी पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि की नजर इस गांव पर नहीं पड़ी. सिर्फ चुनाव के समय जनप्रतिनिधि आते हैं और इस सड़क को बनाने का वादा करते तो हैं पर जैसे ही चुनाव जीतते हैं वह अपना वादा भूल जाते हैं.