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बीआरसी भवन नर्मिाण का अभिलेख कार्यालय से गायब

बीआरसी भवन निर्माण का अभिलेख कार्यालय से गायब उदासीनता: नौ वर्ष पहले निर्माण कार्य किया गया था आरंभ, आधा-अधूरा है भवन फोटो – 4कैप्सन- अधूरा पड़ा बीआरसी भवन प्रतिनिधि, किसनपुरशिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किये जाने को लेकर लाखों करोड़ों रुपये बहाये जा रहे है. साथ ही व्यवस्था को सुदृढ़ किये जाने को लेकर सभी प्रकार […]

बीआरसी भवन निर्माण का अभिलेख कार्यालय से गायब उदासीनता: नौ वर्ष पहले निर्माण कार्य किया गया था आरंभ, आधा-अधूरा है भवन फोटो – 4कैप्सन- अधूरा पड़ा बीआरसी भवन प्रतिनिधि, किसनपुरशिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किये जाने को लेकर लाखों करोड़ों रुपये बहाये जा रहे है. साथ ही व्यवस्था को सुदृढ़ किये जाने को लेकर सभी प्रकार के भवनों को मॉडल तरीके से बनाये जाने की कवायद जारी है. यहां तक कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किये जाने की बात भी की जा रही है. बावजूद इसके मुख्यालय स्थित बीआरसी भवन निर्माण प्रखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. मालूम हो कि इस प्रखंड संसाधन केंद्र भवन निर्माण कार्य प्रारंभ होने के साथ ही कई सवाल उत्पन्न हुआ था. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण यह अर्द्धनिर्मित भवन कई वर्षों से व्यवस्था पर मुंह चिढ़ा रहा है. नौ वर्षों पूर्व हुआ निर्माण कार्य प्रारंभ सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उक्त बीआरसी भवन निर्माण कार्य नौ वर्ष पूर्व प्रारंभ कराया गया था. जो अब तक अधूरा पड़ा है. जानकारी यह भी मिल रही है कि उक्त बीआरसी भवन बनाये जाने को लेकर विभाग द्वारा किसी प्रकार का आदेश जारी नहीं किया गया था. बिना आदेश आनन फानन में यत्र तत्र नींव रख कर कार्य को प्रारंभ कराया गया. जिस कारण समीप के विद्यालय का कुछ हिस्सा बेकार साबित हो रहा है. बीआरसी भवन को लेकर संवेदक द्वारा दो मंजिला इमारत बनाया जाना था. जहां निचली मंजिल भी आधा-अधूरा बना कर कार्य को इतिश्री कर दिया गया है. भवन को लेकर 12 लाख का आवंटनबीआरसी भवन निर्माण को लेकर 12 लाख की राशि का आवंटन किया गया था. जहां निर्माण कार्य के समय अनियमितता बरते जाने का भी सवाल उठाया गया था. जिसके मद्देनजर विभाग द्वारा जांच कराये जाने की बात सामने आयी थी. लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी विभागीय जांच प्रक्रिया नहीं करायी गयी. आलम यह है कि उक्त बीआरसी में न तो उपस्कर है और न ही भवन निर्माण संबंधित अभिश्रव. जिस कारण शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्य करने में परेशानी भी हो रही है. साथ ही संवेदक को निर्माण कार्य के एनओसी नहीं मिलने के कारण अवकाश के उपरांत पेंशन पर रोक भी लगायी गयी थी. इस बाबत अवकाश प्राप्त तत्कालीन बीइओ मणी कुमारी ने बताया कि भवन का अभिकर्ता शिक्षक मो अब्बास थे. जिनकी मौत हो चुकी है. साथ ही सचिव दिलीप चौधरी की पत्नी पूनम देवी थी. बताया कि शेष राशि अब सरकार को सचिव से ही प्राप्त हो सकता है.कहते हैं बीइओ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रामचंद्र यादव ने इस बाबत पूछने पर बताया कि बीआरसी का चार्ज उन्हें नहीं मिला है. संबंधित मामले के अभिलेख भी कार्यालय में नहीं हैं. बिना जानकारी वे कुछ नहीं कह सकते.

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