दलहन की नयी फसल के आने की आहट पर 25-30 रुपये की बाजार में आयी गिरावट
महाराजगंज :दलहन के नयी फसल आने की आहट के बीच बजट पूर्व दलहन की कीमत में गिरावट आयी है. दाल पहले से सस्ती हो गयी है. कई जिंसों के भाव 25-30 रुपये तक गिरे हैं. दलहन के अलावा आटा व सरसों तेल भी सस्ता हुआ है. कीमतों में गिरावट से लोगों में खुशी है. बजट से पहले जरूरी सामान के सस्ते होने से लोग अच्छा संकेत मान रहे हैं. ऐसा हर वर्ष होता है. भाव में गिरावट होने के बावजूद बाजार में जिंसों की दर स्थिर नहीं है.
वहीं, कई दुकानदार अब भी बढ़ी हुई कीमतों में जिंस बेच रहे हैं, जबकि वर्तमान मूल्य में इनकी बिक्री करने पर कई व्यापारी घाटे में हैं. उनका पहले का स्टॉक कम हुई कीमतों में बिक रहा है. मुन्ना, संजय, मोहन कुमार पद्माकर आदि किराना दुकानदार कहते हैं कि बाजार में जैसे ही भाव गिरा, हमलोग घटी दर पर दाल बेचने लगे. आटा-तेल का दाम भी कुछ गिरा है. चना दाल के दाम में भी कमी आयी है.
जमाखोरों के कब्जे से मुक्त हुई दाल
कुछ जानकारों का कहना है कि जमाखारों के कब्जे से दाल को मुक्त होने के कारण भाव में 25 फीसदी तक कमी आयी है. दाल विक्रेताओं की मानें, तो दाल को छह महीने से अधिक स्टॉक नहीं किया जा सकता. इसके बाद ये खराब होने लगती है. पिछले महीने जिस तरह दाल की कीमतों में उछाल दिख रही थी, उससे स्टॉकिस्टों का विश्वास था कि कीमतें और बढ़ेंगी. लेकिन अब खराब होने के डर से स्टॉकिस्ट दाल निकालने लगे हैं. इससे दाल की आपूर्ति अधिक हो रही है. दूसरी बात यह माना जा रहा है कि दलहन की नयी फसल भी जल्दी आनेवाली है. इसका असर भावों पर पड़ा है.
दाल का दाम बढ़ने पर हुई थी राजनीति
दाल के दाम बढ़ने पर जम कर राजनीति हुई थी. उस समय चुनाव में इसका जोर-शोर से प्रचार किया गया था. तब दाल के दाम 150 रुपये किलो तक पहुंच गये थे. अब जब दाल की कीमत पुराने स्तर के पास आ गयी है, तो इस पर चर्चा होती नहीं दिख रही है.