सीवान : दरौली थाना क्षेत्र के केवटलिया में 16 वर्ष पूर्व गोली मार कर हुई रामानुज राय की हत्या के मामले में शनिवार को एडीजे पांच मो. एजाजुद्दीन की अदालत में पूर्व मंत्री पीके शाही ने अधिवक्ता के रूप में पीड़ित पक्ष की तरफ से बहस की. इसके साथ ही अभियोजन पक्ष व सूचक के कोर्ट में बहस पूरी हो गयी.
केवटलिया निवासी रामानुज व उसके भाई पहवारी राय व उसके लड़के प्रशांत राय को 16 मार्च, 2000 को अपराधियों ने गोली मार कर घायल कर दिया. उनका सदर अस्पताल में इलाज कराया गया. इस दौरान रामानुज की मौत हो गयी. इस मामले में मृतक के भतीजे प्रशांत राय ने गांव के शिवनाथ राय, शेषनाथ राय, केश्वर राय, भैरव राय, श्यामनाथ राय, छोटेलाल राय, अरुण उर्फ मुन्ना राय, अरुण राय समेत नौ लोगों को आरोपित किया.
इस हत्याकांड का कारण पूर्व में हुई रामानुज के भतीजे राजू राय की हत्या के साथ जोड़ कर देखा गया. इसमें पैरवी व गवाहों के नाम उठा लेने की धमकी पूर्व में मिली भी थी. इस मामले में कोर्ट में गवाही व दोनों पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है. इसी क्रम में पीड़ित पक्ष की तरफ से राज्य के महाधिवक्ता रहे पूर्व मंत्री पीके शाही ने बहस की. इनकी मौजूदगी की अन्य अधिवक्ताओं व पक्षकारों में चर्चा रही. इसके अलावा एक अन्य जानलेवा हमले के मामले में भी एडीजे पांच के कोर्ट में श्री शाही ने बचाव पक्ष की तरफ से पैरवी की. रामानुज हत्याकांड में अब अगली सुनवाई सात सितंबर को होगी. इस मामले में बचाव पक्ष की तरफ से बंगाली सिंह व पीड़ित पक्ष की तरफ से श्री शाही के अलावा विद्याभूषण सिंह कोर्ट में मौजूद रहे.
16 वर्ष पूर्व हुई थी रामानुज की गोली मार कर हत्या
एडीजे पांच के कोर्ट में अभियोजन व सूचक की बहस पूरी