बड़हरिया : सरकार शराबबंदी को लेकर तरह तरह की रणनीतियां बना रही है. उसे लागू करने के लिए नयी तरकीबें सोच रही है. इससे शराब पीनेवालों की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है. वैसे तो प्रखंड के सभी चौक-चौराहों व बाजारों पर शराब धड़ल्ले से मिलती रही है. वहीं, अवैध शराब का कारोबार प्राय: सभी गांवों में कायम था. इस शराबबंदी कानून के अमल में आने के बाद चौक चौराहों की शाम को सजने वाली महफिले नहीं सज पायेंगी.
अवैध शराब की बिक्री बंद-सी हो गयी है. जिन चौक चौराहों व बाजारों पर शराबियों की देर शाम तक महफिलें सजी रहती थीं, वहां शराबियों ने अभी से आना छोड़ दिया है. अब केवल ठेके की शराब दुकान पर ही थोड़ी बहुत भीड़ नजर आ रही है, जो एक अप्रैल से बंद हो जायेंगी. विदित हो कि दीनदयालपुर, पहाड़पुर, ज्ञानीमोड़, काशीधाम, करबाला बाजार, चाड़ी बाजार आदि प्रखंड के चर्चित अवैध शराब के अड्डे रहे हैं. बहरहाल, यह तय है कि चौक-चौराहों पर सजती रही महफिल उदास हो जायेगी.
हास्यास्पद. उत्पाद विभाग में आधे से अधिक पद रिक्त
संसाधन नहीं, कैसे होंगे सफल!
उत्पाद विभाग ने करोड़ों के संसाधन के लिए लिखा विभाग को
उत्पाद विभाग में कई पद रिक्त
उत्पाद विभाग में पहले से ही अधिकारियों के पद रिक्त होने से कार्य ठीक तरह से नहीं हो पाते थे. स्टाफ की कमी के कारण जिले में नियमित रूप से छापेमारी नहीं हो पाती थी. इस कारण शराब के अवैध धंधेबाजों का कारोबार फल-फूल रहा था. उत्पाद विभाग में उत्पाद अधीक्षक का एक, इंस्पेक्टर के 02, सब इंस्पेक्टर के 09, एएसआइ के 35 तथा कांस्टेबल के 35 पद सृजित हैं. लेकिन, वर्तमान में एक उत्पाद अधीक्षक, एक इंस्पेक्टर,
04 सब इंस्पेक्टर, 02 एएसआइ तथा मात्र 04 कांस्टेबल ही तैनात हैं. इनके अलावा 10 सैप व 10 होमगार्ड के जवान भी मिले हैं. देसी शराब बंदी के लिए सरकार ने 300 लाठी पार्टी, 155 होमगार्ड तथा पांच सैप जवानों को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. सैप जवान को छोड़ कर लाठी व होमगार्ड के जवान उपलब्ध हो चुके हैं.