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जाम के समाधान के लिए लगातार प्रयास की है जरूरत

जाम के समाधान के लिए लगातार प्रयास की है जरूरत स्कूल बसों का बेतरतीब संचालन भी है एक बड़ा कारण स्कूल बसों का हो रूट हो निर्धारण छुट्टी के समय का भी हो अंतराल फोटो-01 एसपी सौरभ कुमार साह. प्रभात पड़ताल इंट्रो: उत्तर बिहार में तेजी से बढ़ रहे इस शहर में बुनियादी सुविधाओं का […]

जाम के समाधान के लिए लगातार प्रयास की है जरूरत स्कूल बसों का बेतरतीब संचालन भी है एक बड़ा कारण स्कूल बसों का हो रूट हो निर्धारण छुट्टी के समय का भी हो अंतराल फोटो-01 एसपी सौरभ कुमार साह. प्रभात पड़ताल इंट्रो: उत्तर बिहार में तेजी से बढ़ रहे इस शहर में बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव दिखता है. यहां न तो वाहन पार्किंग की व्यवस्था है और न ही बाइपास की. शहर का ललित बस स्टैंड, जो नो इंट्री के समय जिले के पूर्वी, दक्षिणी व उत्तरी हिस्से के लिए बेकार हो जाता है. ऐसे में शहर में पार्किंग का निर्माण व तीन नये स्टैंड व बाइपास की आवश्यकता है. वहीं ट्रैफिक पोस्टों पर भी सिगनल व अन्य सुविधाएं आवश्यक हैं. हर बार प्रशासन सख्ती की बात करता है. लेकिन फिर कुछ दिन कार्रवाई के बाद स्थिति वही हो जाती है. जाम की समस्या के निदान के लिए बड़ी प्रशासनिक पहल की दरकार तो है ही, साथ ही आम जनता का सहयोग व राजनीतिक दलों की भागीदारी भी जरूरी है. साथ ही यहां के जन प्रतिनिधि दिनोंदिन विकराल हो रही इस समस्या की ओर कभी संजीदगी नहीं दिखाते. सीवान. जाम की समस्या के लिए इधर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई व संसाधनों के विकास के लिए प्रयास की बात कही है. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई के लिए दो दौर की अहम बैठक हो चुकी है, जिसमें प्रथम स्तर पर जाम के कारणों, जो आमतौर पर पैदा किये गये हैं, उसके समाधान की दिशा में कार्रवाई का फैसला हुआ है. उनमें सड़कों पर अवैध अतिक्रमण, अवैध स्टैंड, अवैध पड़ाव आदि समस्याएं व ट्रैफिक में सुधार का फैसला हुआ है. जिस पर कार्रवाई के लिए टीम बना कर इस समस्या के समाधान का फैसला लिया गया है. प्रभात खबर ने शहर की जाम की समस्या को लेकर लगातार मुहिम चलायी है. पहली कड़ी में जाम की मूल समस्या को लेकर खबर प्रकाशित की गयी है. स्कूलों की छुट्टी के समय एकाएक शहर में जाम की स्थिति और भी बदतर हो जाती है और स्कूली छात्र भी घंटों फंसे रहते हैं. प्रशासनिक स्तर पर कई बार स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक कर इस समस्या के निदान को लेकर पहल भी की गयी. लेकिन यह मात्र बैठक ही रह गयी. इसका कोई असर नहीं दिखा. स्कूल बसों का हो रूट निर्धारण : एक ही रूट में एक ही स्कूल की कई बसें अपनी सेवा देती हैं, जो इस समस्या का कारण बनती है. सभी विद्यालय अपने बसों का रूट चार्ट निर्धारित करें, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के लिए बस का निर्धारण हो और उनके आने-जाने का रूट और समय भी निर्धारित हो. इससे एक ही रूट में कई बसों के परिचालन पर रोक लग सकेगी और जाम की समस्या से भी कुछ निजात मिलेगी. छोटी सड़कों पर दिखती हैं बड़ी बसें : शहर की कई सड़कें इतनी संकरी है कि स्कूल बस के प्रवेश से वहां घंटों जाम की स्थिति हो जाती है. वहीं स्कूल के नाम पर सभी सड़कों पर बड़ी-बड़ी स्कूल बसें उतार दी हैं. ऐसे में इस बात पर भी विचार होना चाहिए कि सड़क के अनुसार ही स्कूल बस का परिचालन हो. शहर में यथा संभव बड़ी बसों के परिचालन पर रोक लगानी चाहिए. स्थानीय प्रशासन से मिल कर स्कूल प्रशासन इसका निर्णय करे और अपने रूट चार्ट व बसों की सूची का निर्धारण करे. स्कूलों की छुट्टी के समय का भी हो निर्धारण : अमूमन सभी विद्यालयों की छुट्टी एक ही साथ होने से शहर में एकाएक जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में आवश्यक है कि प्रशासन और स्कूल प्रबंधन एक साथ मिल बैठ कर शहर के प्रमुख विद्यालय थोड़े अंतराल पर अपनी छुट्टी का समय तय करें. इससे भी जाम की समस्या से निदान में कुछ राहत मिलेगी. क्या कहते हैं अधिकारी शहर में जाम की समस्या की निदान के लिए प्रशासन ने पहल शुरू की है और इसके लिए कार्रवाई जारी है. इसके लिए जिला प्रशासन, नगर पर्षद व अन्य विभागों को साथ मिल कर कार्य करने की आवश्यकता है. शहर के स्कूलों के संचालकों की बैठक बुलायी जा रही है, जिसमें इन समस्याओं पर विचार कर निर्णय लिया जायेगा. जाम शहर की प्रमुख समस्या बन गया है, जिसके समाधान में आम जनता का भी सहयोग जरूरी है. सौरभ कुमार साह , पुलिस कप्तान, सीवान

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