समय से रिपोर्ट नहीं देने पर नहीं मिल रहा था इंश्योरेंस क्लेम का लाभ
सीवान : अब पुलिस को सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित केसों में लापरवाही नहीं चलेगी. न ही इंश्योरेंस क्लेम को लेकर कोई घपला कर सकेगा. इसको लेकर मुख्यालय ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर थानाध्यक्षों को 30 दिनों के अंदर दुर्घटना की जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. यह रिपोर्ट जिले में स्थित एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल को सौंपना है. थानाध्यक्ष द्वारा दुर्घटना की एफआईआर के 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने के बाद एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल आगे की कार्रवाई करेगा. यह रिपोर्ट केंद्रीय मोटर वाहन नियम के फॉर्म 54 में भरा जायेगा. थानाध्यक्ष को एफआईआर के साथ इसकी सत्यापित कॉपी भी लगानी होगी.
सीआईडी के एडीजी ने दिया निर्देश : बार-बार मुख्यालय में विभाग को शिकायत मिल रही थी कि समय पर रिपोर्ट नहीं आने पर आश्रितों को इंश्योरेंस क्लेम मिलने में काफी परेशानी होती है और इसके चलते उस परिवार के सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसको लेकर सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है. विभागीय जानकारी के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं में इंश्योरेंस क्लेम को लेकर लोगों में जागरूकता की आज भी कमी है. कई ऐसे मामले सामने आ चूके है कि दुर्घटना में मृत व्यक्ति के आश्रित या घायल हुए व्यक्ति की जगह कोई अन्य व्यक्ति फर्जी हस्ताक्षर कर इंश्योरेंस क्लेम लेने में सफल रहा है. इसके रोकने में भी यह पहल काफी कारगर साबित होगा.
यह भी रहेगा एफआईआर में उल्लेख
विभागीय जानकारी के अनुसार सड़क दुर्घटना के मामले में एक्सीडेंट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट के माध्यम से थानाध्यक्षों के द्वारा दुर्घटना के समय पीड़ित की उम्र और उसकी आय, पीड़ित के परिवार के आश्रित के नाम और उम्र, चालक का नाम, पता और ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन और चेसिस नंबर, इंश्योरेंस पॉलिसी नंबर, इंश्योरेंस कंपनी का नाम और पता, दुर्घटना स्थल का फोटोग्राफ, घायल की इंज्युरी रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफआईआर की एक कॉपी इंश्योरेंस कंपनी को भी उपलब्ध करानी होगी और साथ ही एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल की पहली सुनवाई के समय पुलिस मौजूद रहेगी.
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक