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नलकूप चालू नहीं, न पटवन को डीजल अनुदान

नलकूप चालू नहीं, न पटवन को डीजल अनुदान — रबी फसल के पटवन को लेकर किसान चिंतित है. सरकारी नलकूप से सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है तो सिंचाई के लिए मिलने वाले डीजल अनुदान का अभी तक कोई अता-पता नहीं है. अधिकांश किसान पटवन नहीं कर सके हैं, जबकि अब तक रबी […]

नलकूप चालू नहीं, न पटवन को डीजल अनुदान — रबी फसल के पटवन को लेकर किसान चिंतित है. सरकारी नलकूप से सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है तो सिंचाई के लिए मिलने वाले डीजल अनुदान का अभी तक कोई अता-पता नहीं है. अधिकांश किसान पटवन नहीं कर सके हैं, जबकि अब तक रबी फसल को दूसरी बार पटवन मिल जानी चाहिए थी. प्रभात खबर ने रविवार को विभिन्न प्रखंडों के नलकूपों का हाल जानने की कोशिश की. फोटो- 7 खड़का गांव का ठप नलकूप, 13 भेटुआ गांव में बंद नलकूप, 14 मैसहा गांव में ठप पड़ा नलकूप, 8 से 12 तक बोखड़ा प्रखंड क्षेत्र के लोग — समय पर डीजल अनुदान नहीं मिलने से फसलों पर प्रभाव — रबी फसल के पटवन को अब तक नहीं मिला डीजल अनुदान — अधिकांश नलकूप ठप, पटवन की समस्या सबसे गंभीर सीतामढ़ी : जिले के किसान करीब-करीब हर लोग सुखाड़ की समस्या से परेशान रहते हैं. उनकी फसलें मारी जाती रही है. किसी-किसी वर्ष फसल में दाना नहीं लगने से भी किसान खासा परेशान रहे हैं. खेती पर पूरी तरह निर्भर किसान अब कहीं के नहीं रह गये हैं. सरकार की ओर से भी जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही है. किसानों के हित में तरह-तरह की योजनाएं चलाने की बात भले हीं कही जा रही है, पर सरकार व विभाग की ओर से इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है कि आखिर किस कारण फसलों के पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. — सिंचाई सुविधा का अभाव बोखड़ा प्रखंड के सिंघाचौड़ी के मो शकील, खड़का के सोमनाथ झा, भाउर के हुकुमदेव नारायण यादव व चकौती के उपेंद्र पासवान समेत अन्य प्रखंडों के किसानों का कहना है कि सरकार खाद-बीज देने के साथ हीं कृषि यंत्रों पर अनुदान भी दे रही है, लेकिन योजनाएं बनाने वालों के जेहन में यह बात नहीं है कि यह सब करने के बावजूद जब समुचित सिंचाई की सुविधा नहीं मिलेगी तो भला पैदावार बेहतर कैसे होगा. सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की हीं है. — सिंचाई में सरकार फेल सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने में राज्य सरकार जीरो पर आउट है. सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने वाला लघु सिंचाई विभाग पूरी तरह नकारा हो चुका है तो नलकूप विभाग भी किसी काम के लायक नहीं रह गया है. उक्त दोनों विभाग सिंचाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रही है. अभियंता व कर्मियों की फौज होने के बावजूद दोनों विभागों द्वारा धरातल पर कुछ खास नहीं किया जा रहा है. खेतों में पटवन के लिए किसानों में त्राहिमाम की स्थिति रहती है और उधर, विभाग के अभियंता चैन की बांसुरी बजाते हैं. यही कारण है कि कृषि विभाग की ओर से खेती के लिए तरह-तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के बावजूद खेतों को समुचित सिंचाई सुविधा नहीं मिलने से न बेहतर पैदावार होता है और न किसानों के चेहरे पर चमक लौट रही है. बॉक्स में :-सिर्फ नाम का है स्टेट बोरिंग परिहार : प्रखंड की परिहार उत्तरी पंचायत के मैसहां गांव स्थित अस्पताल के समीप स्टेट बोरिंग है. पूर्व विधायक डा रामचंद्र पूर्वे के कार्यकाल में उनके कोटा से उक्त बोरिंग लगा था. यह जान कर हैरानी होगी कि उक्त नलकूप से खेतों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हुआ. दो वर्ष पूर्व वहां पर बिजली का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया. सिंचाई के लिए 200 फिट में अंडर ग्राउंड पाइप बिछाया गया था. अब सब बेकार हो गया है. ग्रामीण पंकज कुमार, मुखिया खैरून खातून, अब्दुल क्यूम अंसारी, राम विश्वास सिंह व अन्य बताते हैं कि यह स्टेट बोरिंग सिर्फ नाम का है. इससे कोई लाभ नहीं है. रबी फसल भी मारी जायेगी. डीजल अनुदान की बाबत बीडीओ निरंजन कुमार ने बताया कि वितरण कराने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. बॉक्स :-नलकूप से एक बूंद पानी नहीं बोखड़ा : प्रखंड क्षेात्र में आठ नलकूप है, जिसमें से दो काम चलाऊ है तो छह चालू हीं नहीं हुआ, जिसमें एक खड़का गांव का नलकूप भी शामिल है. यह नलकूप करीब 40 वर्ष पूर्व लगा था. ग्रामीण कहते हैं कि इस नलकूप को चालू कर पानी निकाल दिया गया, पर दूसरे दिन हीं ठप हो गया. उसके बाद से विभाग का कोई भी अभियंता इसे ठीक कराने के लिए यहां नहीं आया. यानी लाखों की लागत से बना यह नलकूप सिंचाई के लिए एक बूंद भी पानी दिये बगैर ठप पड़ा हुआ है. भाउर, बनौल व कुरहर मुखिया क्रमश: सिंधु देवी, गीता देवी, सनीता देवी व मुखिया संघ की प्रखंड अध्यक्ष रूकशाना खातून ने बताया कि क्षेत्र के सभी नलकूपों को चालू कराने के लिए काफी कोशिश की गयी, पर प्रशासन व विभाग ने इस गंभीर समस्या को गंभीरता से नहीं लिया. अप्रैल 14 में किसान सलाहकार मृत्युंजय झा ने नलकूपों के ठप रहने की बाबत जिला को रिपोर्ट की थी. रिपोर्ट पर कुछ नहीं हुआ. — नलकूप नहीं हुआ चालू नानपुर : 40 वर्ष पूर्व प्रखंड के भेटुआ गांव में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नलकूप लगाया गया, पर वह चालू हीं नहीं हुआ. तब से अब तक ठप हीं है. ग्रामीण सत्य नारायण झा व ताराकांत झा कहते हैं कि उकने तमाम कोशिशों के बावजूद विभाग द्वारा उक्त नलकूप को चालू कराने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. बताया गया है कि अब तो नलकूप परिसर का अतिक्रमण भी किया जा रहा है.

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