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कैंसर से नहीं थम रहा भवप्रसाद गांव में मौत का सिलसिला

सीतामढ़ी : जिला मुख्यालय से महज दो किमी से कम दूरी पर भवप्रसाद गांव हैं. जहां की 80 प्रतिशत आबादी के जीवकोपार्जन का साधन खेती और मेहनत-मजदूरी हैं. गांव के एक भाग भवप्रसाद पूर्वी टोला में तकरीबन 50 घर का परिवार हैं. एक-दो साल से कैंसर के कारण चल रहे मौत के सिलसिले से भवप्रसाद […]

सीतामढ़ी : जिला मुख्यालय से महज दो किमी से कम दूरी पर भवप्रसाद गांव हैं. जहां की 80 प्रतिशत आबादी के जीवकोपार्जन का साधन खेती और मेहनत-मजदूरी हैं. गांव के एक भाग भवप्रसाद पूर्वी टोला में तकरीबन 50 घर का परिवार हैं. एक-दो साल से कैंसर के कारण चल रहे मौत के सिलसिले से भवप्रसाद पूर्वी टोला में दहशत का माहौल हैं.

कैंसर के प्रकोप को कोई दैवीय प्रकोप मान रहा हैं, तो कोई महामारी. सच क्या है, यह जानने का प्रयास अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू नहीं किया गया हैं. भवप्रसाद गांव, हरिछपड़ा पंचायत व डुमरा प्रखंड अंतर्गत आता हैं. भवप्रसाद गांव के ही मुखिया अनिल कुमार यादव पंचायत के मुखिया व प्रखंड प्रमुख स्मिता कुमारी हैं.
गांव में कैंसर के कारण अकाल मौत को देख कर दोनों पंचायत प्रतिनिधि भी चिंतित हैं. दोनों पंचायत प्रतिनिधि बताते है कि हाल के दिनों में कैंसर से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही हैं.
ज्यादातर महिलाएं हो रहीं कैंसर का शिकार: 20 जुलाई 17 को गांव के भरोसी राय की मौत महावीर कैंसर संस्थान में इलाज के दौरान गयी. पत्नी ललिता देवी बताती हैं कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में उनके पति के कलेजा में दर्द शुरू हो गया. सीतामढ़ी व पटना के निजी चिकित्सालय में इलाज कराने के बाद महावीर कैंसर संस्थान में भर्ती करायें, लेकिन कुछ दिन के बाद मौत हो गयी. दो बेटा और दो बेटी हैं.
परिवार का भरण-पोषण जिंदगी के लिए चुनौती बन चुकी हैं. इसी प्रकार सुरेश राय की पत्नी विमल देवी की मौत पेट में कैंसर होने के कारण मार्च-17 में हो गयी. हालांकि समय पर बीमारी का पता चलने के कारण निजी चिकित्सालय के बाद महावीर कैंसर संस्थान में विमल देवी को भर्ती कराया गया. वहां से लौटने के बाद घर में उसकी मौत हो गयी. विमल अपने पीछे छह बेटी व एक बेटा को छोड़ गयी हैं.
एक सितंबर 2017 को रामजपन राय की पत्नी किरण देवी की मौत गोल ब्लडर में कैंसर होने के कारण इलाज के दौरान महावीर कैंसर संस्थान में हो गयी. चार माह से किरण का इलाज महावीर कैंसर संस्थान में चल रहा था. वह अपने पीछे दो लड़का व एक लड़की छोड़ गयी हैं.
जून 2017 में राम अधार राय की पत्नी सुनैना देवी की मौत लीवर में कैंसर होने के कारण हो गयी. हालांकि महावीर कैंसर संस्थान में इलाज के बाद वह स्वस्थ महसूस कर रही थी, लेकिन घर लौटने के कुछ दिन के बाद उसकी मौत हो गयी. इससे पूर्व सुनैना के देवर धूपलाल राय की मौत कैंसर के कारण इलाज के दौरान निजी चिकित्सालय में हो गयी थी.
सागर देवी नामक एक महिला की मौत भी पेट में कैंसर होने के कारण एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में हो चुकी हैं. ग्रामीण बताते है कि मौत का यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. जयकरण राय के 16 वर्षीय पुत्र हरेंद्र कुमार की मौत कैंसर के कारण हो चुकी हैं. घर वालों ने हैसियत नहीं रहने के बाद भी हरेंद्र का इलाज पटना व लखनऊ के अलावा टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई में भी कराया था. निरंजन राय की पत्नी भुईली देवी की मौत भी कैंसर के कारण हो चुकी हैं.
छह माह के अंदर चार और एक साल के अंदर आठ की हो चुकी मौत
बच्चे, जवान व महिलाएं हो रहीं मौत की शिकार
कोई मान रहा दैवीय प्रकोप, तो कोई महामारी
जिला मुख्यालय से सटे भवप्रसाद गांव का डरावना सच
जिले में नहीं है व्यवस्था
सिविल सर्जन डाॅ विंदेश्वरी शर्मा ने कहा कि मामला गंभीर है, जिलास्तर पर कैंसर के कारणों का पता लगाने के लिए कोई विशेषज्ञों की टीम नहीं हैं. वे बिहार सरकार को मामले से अवगत कराते हुए विशेषज्ञों की टीम भेजने का आग्रह करेंगे. ताकि यह सामने आ सके कि एक खास स्थान पर कैंसर के कारण लोग कैसे मौत का शिकार हो रहे हैं.
डॉ िवंदेश्वरी शर्मा, सिविल सर्जन

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