पटना. अब उद्यमियों को ऋण लेने में सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) का हेल्प डेस्क मदद करेगा. मंगलवार को बीआइए प्रांगण में इसका शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर सिडबी के महाप्रबंधक अनुभा प्रसाद ने सिडबी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उसके पास ग्राहकों के लिए हर तरह के ऋण उपलब्ध हैं. महाप्रबंधक स्तर पर 20 करोड़ रुपये तक, जबकि शाखा कार्यालय के स्तर पर 5 करोड़ रुपए तक के ऋण स्वीकृत किये जाने का अधिकार है. सिडबी द्वारा अर्जना नामक स्कीम शुरू की गयी है, जिसके माध्यम से महिलाओं को अपेक्षाकृत कम ब्याज दर और कम मार्जिन पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने आगे बताया कि उभरते सितारे स्कीम के तहत सिडबी द्वारा देश का पहला लोन बिहार में हाजीपुर के एक उद्यमी को उपलब्ध कराया गया है.
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने अपने स्वागत संबोधन में देश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमइ प्रक्षेत्र के उद्योगों की भूमिका और सिडबी का एमएसएमइ प्रक्षेत्र के उद्योगों के विकास में भागीदारी पर अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एमएसएमइ प्रक्षेत्र अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अवयव है. देश में एमएसएमइ प्रक्षेत्र के अंतर्गत लगभग 3.6 करोड़ इकाइयां स्थापित हैं, जिनके माध्यम से 8 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
बिहार महिला उद्योग संघ की अध्यक्षा उषा झा ने बताया कि उद्योग बढ़ने से महिलाएं इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में आ रही हैं. उनको सिडबी छोटे-छोटे लोन लेने में किस तरह सुविधा दे सकती है, यह हेल्प डेस्क के माध्यम से उनको बताने की जरूरत है. इसके पूर्व सिडबी के सहायक महाप्रबंधक दीपक ने सिडबी द्वारा स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला. शाश्वत कुमार, प्रबंधक ने एमएसएमइ उद्यमियों के लिए सिडबी की ऋण से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर बिहार के परिपेक्ष्य में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से बताया.
कार्यक्रम में बीआइए के पूर्व अध्यक्ष राम लाल खेतान, पूर्व उपाध्यक्ष सुधीर चन्द्र अग्रवाल और सीआईआई बिहार चैप्टर के चेयरमैन सचिन चन्द्रा ने भी भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन बीआइए के पूर्व उपाध्यक्ष संजय गोयनका ने किया. पूर्व उपाध्यक्ष जीपी सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.