फियरलेस माहौल में ही निखरेगा बालिकाओं का भविष्य : डीपीओ

बालिका शिक्षा में गुणात्मक सुधार व सर्वांगीण विकास पर परिचर्चा, शिक्षिकाओं ने रखे सुझाव, छात्रों की मानसिक व नैतिक शिक्षा पर भी जोर

By PANCHDEV KUMAR | November 20, 2025 7:45 PM

सासाराम ऑफिस. स्कूलों में ऐसा वातावरण तैयार किया जाए, जहां छात्राएं बिना किसी झिझक के अपनी बातों को रख सकें और निर्भीक होकर शिक्षा प्राप्त करें. छात्राओं को फियरलेस माहौल उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है. फियरलेस माहौल में बालिकाओं का भविष्य निखरता है. यह बात जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान रोहित रोशन ने गुरुवार को डायट परिसर में बालिका शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा बालिकाओं के सर्वांगीण विकास को लेकर आयोजित एक दिवसीय परिचर्चा एवं बैठक में कही. उन्होंने कहा कि छात्राओं के गिरते आत्मविश्वास को रोकना और उन्हें सुरक्षित माहौल देना समय की जरूरत है. इस दौरान उन्होंने उपस्थित शिक्षिकाओं के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की और समाधान सुझाए. कार्यक्रम में वर्ल्ड बीइंग फाउंडेशन पटना की प्रोजेक्ट मैनेजर निवेदिता सिंह ने कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने कहा कि केवल लड़कियों को ही नहीं, लड़कों को भी जागरूक किया जाए, ताकि वे अपनी मां, बहन, दोस्त व समाज की किसी भी महिला के सम्मान और सुरक्षा के लिए स्वयं एडवोकेसी कर सकें. उन्होंने कहा कि जब लड़के संवेदनशील होंगे, तभी समाज में महिलाओं और बालिकाओं के प्रति सकारात्मक माहौल बनेगा. उन्होंने शिक्षिकाओं से अपील की कि वे छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव प्रयास करें. उन्होंने जोर दिया कि छात्राओं की शारीरिक सेहत के साथ-साथ मानसिक सेहत पर भी बराबर ध्यान देना जरूरी है. उन्होंने कहा कि शिक्षिका टीचर बनकर नहीं, बल्कि एक फैसिलिटेटर बनकर बच्चों के साथ काम करें तो ज्यादा प्रभाव दिखेगा. डायट की व्याख्याता पूर्णिमा पांडेय ने बालिका शिक्षा की चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि माता-पिता की संकीर्ण सोच, स्कूलों में सुरक्षित व स्वस्थ वातावरण की कमी, स्वच्छ शौचालय व नैपकिन जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव, बालिकाओं का घरेलू कार्यों में अधिक समय देना और आत्मविश्वास की कमी जैसे कारणों से बालिकाओं की शिक्षा प्रभावित होती है. उन्होंने सुझाव दिया कि माता-पिता को जागरूक करना, स्कूलों में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना, मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, छात्राओं को व्यक्तिगत, शारीरिक व मानसिक समस्याओं से निबटने के लिए मार्गदर्शन देना अत्यंत आवश्यक है. कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षिकाओं और पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे और छात्राओं को इमोशनल व नैतिक शिक्षा से जोड़ने पर भी जोर दिया. मौके पर एपीओ प्रभात, एपीओ स्नेहा प्रियदर्शी, हर्ष विजय वर्धन, प्रधानाध्यापिका ठीकरा कॉन्वेंट स्कूल डालमियानगर कुमारी भावना, प्रधानाध्यापिका उच्च माध्यमिक स्कूल रकसियां सासाराम प्रगति प्रियमवदा सहित विभिन्न प्रखंडों की करीब 60 शिक्षिकाएं कार्यक्रम में मौजूद रहीं.

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