sasaram News: ओवरऑल परफॉर्मेंस में दिनारा बीइओ व बीआरसी फिसड्डी
जिला शिक्षा विभाग ने जारी की नवंबर माह की परफॉर्मेंस रैंकिंग, संझौली बीआरपी एमडीएम भी सबसे नीचे पायदान पर, तिलौथू प्रखंड ने 89 प्रतिशत के साथ बीइओ व बीआरसी रैंकिंग में पहला स्थान लाया
सासाराम ऑफिस. रोहतास जिला शिक्षा विभाग ने नवंबर माह के लिए जिले के 19 प्रखंडों के बीइओ, बीआरसी व बीआरपी एमडीएम का ओवरऑल परफॉर्मेंस रैंकिंग जारी कर दिया है. जारी सूची के अनुसार, दिनारा प्रखंड के बीइओ व बीआरसी ओवरऑल रैंकिंग में सबसे नीचे 63 प्रतिशत के साथ फिसड्डी साबित हुए हैं. वहीं, बीआरपी एमडीएम की सूची में संझौली प्रखंड के बीआरपी एमडीएम को 61.11 प्रतिशत के साथ अंतिम स्थान प्राप्त हुआ है. दूसरी ओर तिलौथू प्रखंड ने 89 प्रतिशत के साथ बीइओ व बीआरसी रैंकिंग में पहला स्थान हासिल करते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. वहीं, बीआरपी एमडीएम सूची में बिक्रमगंज 77.89 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर शामिल है. जिला शिक्षा विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बीइओ व बीआरसी ओवरऑल परफॉर्मेंस में शीर्ष प्रखंड तिलौथू रहा, जिसने कुल 133.5 में 89 प्रतिशत अंक हासिल किया. दूसरे स्थान पर सुर्यापुर 81.33 प्रतिशत के साथ रहा. वहीं, दावथ 77.67 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा. जिन प्रखंडों का परफॉर्मेंस औसत से भी कमजोर रहा, उनमें दिनारा सबसे अंतिम स्थान पर रहा. इसके बीइओ व बीआरसी को मात्र 63 प्रतिशत अंक मिले. इनके ऊपर रोहतास को 63.33 प्रतिशत, कोचस को 65 प्रतिशत, बिक्रमगंज को 66.33 प्रतिशत, नासरीगंज को 66.67 प्रतिशत और काराकाट को 67 प्रतिशत मिले, जिनके प्रदर्शन को कमजोर श्रेणी में रखा गया है. इधर, बीआरपी एमडीएम के नवंबर माह के प्रदर्शन की सूची में बिक्रमगंज ने सर्वोच्च प्रदर्शन करते हुए 77.89 प्रतिशत अंक प्राप्त किया. सुर्यापुरा 71.78 प्रतिशत के साथ दूसरे व करगहर 70.11 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा. कमजोर प्रदर्शन वाले प्रखंडों में संझौली सबसे नीचे रहा, जिसे मात्र 61.11 प्रतिशत अंक मिले. संझौली के ठीक ऊपर डेहरी (63 प्रतिशत), नौहट्टा (63.22 प्रतिशत) और शिवसागर (63.33 प्रतिशत) रहे, जिनके प्रदर्शन को भी विभाग ने चिंताजनक बताया है. विभागीय कार्यों की गुणवत्ता और लक्ष्य पूर्ति पर की गयी रैकिंग जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा रोहित रोशन ने बताया कि परफॉर्मेंस रैंकिंग जारी करने का उद्देश्य कार्य के प्रति कर्मियों में जागरूकता लाना और उनमें सुधार को प्रोत्साहित करना है. परफॉर्मेंस का मूल्यांकन सभी संभा के डीपीओ व समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय के सभी संभागों यथा मीडिया, क्वालिटी, टेक्स्टबुक, छात्रवृत्ति सहित अन्य इकाइयों द्वारा बीइओ व बीआरसी के कार्यों की समीक्षा के आधार पर किया जाता है. सभी संभाग प्रभारी अपने-अपने दायित्वों से संबंधित कार्यों की जांच कर अंक देते हैं, जिनके आधार पर अंतिम रैंकिंग निर्धारित की जाती है. बीआरपी एमडीएम की रैंकिंग उनके द्वारा किये गये निरीक्षण, बंद एमडीएम को चालू कराने का प्रयास, एमडीएम संबंधी रिपोर्टिंग में त्रुटि, स्कूलों के फीडबैक व जिलास्तर पर भेजी गयी रिपोटों की शुद्धता पर आधारित है. स्कूलों द्वारा दिये गये मूल्यांकन अंक भी अंतिम रैंकिंग में शामिल किये जाते हैं. कमजोर प्रदर्शन पर सुधार के निर्देश विभाग ने अंतिम पायदान पर रहने वाले सभी प्रखंडों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे निर्धारित मानकों के अनुरूप कार्यों को समय पर पूरा करें. स्कूल अनुश्रवण, एमडीएम सुधार, गुणवत्ता आधारित शिक्षण, रिपोर्टिंग की शुद्धता और फील्ड वर्क में सटीकता बढ़ाने पर विशेष बल देने को कहा गया है. जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि आने वाले महीनों में उन प्रखंडों पर विशेष निगरानी की जायेगी, जिनका प्रदर्शन लगातार कमजोर रहा है. साथ ही बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रखंडों को प्रोत्साहन देने की नीति भी अपनायी जायेगी. जारी सूची से साफ है कि जिले में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए विभाग अब परफॉर्मेंस आधारित मूल्यांकन को और कठोर व परिणाम आधारित बनाने की दिशा में आगे बढ़ चुका है. जिला प्रशासन का दावा है कि इस रैंकिंग प्रणाली से प्रखंडों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और शिक्षा व्यवस्था में समग्र सुधार देखने को मिलेगा.
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