sasaram News: रोहतास को हरियाणा, पंजाब व दिल्ली जैसे दूषित शहर होने से बचाने की अपील

फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर डीएम ने जनप्रतिनिधियों व किसानों के साथ की बैठक

By PANCHDEV KUMAR | December 3, 2025 10:11 PM

करगहर. डीएम उदिता सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय खडारी में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर बैठक आयोजित हुई. जिला, अनुमंड व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारीयों के अलावा कृषि समन्वयक किसान सलाहकार, कृषि वैज्ञानिक सभी पंचायतों के मुखिया पैक्स अध्यक्षों और विभिन्न पंचायतों से आये हुए किसान मौजूद थे. बैठक में फसल अवशेष को जलाने से फसलों व मानव स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव के रोक के लिए सुझाव लिया गया. बैठक को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों की तरह पर्यावरण को दूषित होने से पहले रोहतास जिला को बचाने के लिए हम सभी को मिलाकर आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है. डीएम ने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा हम सभी को मिलकर जिले की उपजाऊ मिट्टी को बंजर होने से बचाने की दिशा में कार्य करना होगा. इससे हमारी आने वाली युवा पीढ़ियों को स्वस्थ व उपजाऊ भूमी उपलब्ध करा उन्हे कृषि क्षेत्र से जोड़ा जा रहा. उप निदेशक कृषि अभियंत्रण रोहतास ने उपस्थित सभी किसानों को फसल अवशेष को खेतों में जलाने से होने वाले दुष्प्रभाव व उसके प्रबंधन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी. उन्होंने कहा कि फसल अवशेष को न जलाकर पशुओ को चारा जैविक खाद्य व मशीनरियों का उपयोग कर मिट्टी में मिलाने से अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है. डीएम द्वारा सुझाव के क्रम में निदेशित किया गया कि पूर्व में खरीफ मौसम में करगहर प्रखंड पराली जलाने की कुल 1214 घटना प्रकाश में आया था, जो जिले में सबसे अधिक है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा सुझाव के क्रम में बताया गया कि प्रशासनिक स्तर से पुआल जलाने वाले किसानों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाये. किसानों द्वारा सुझाव दिया गया कि जिले में राउंड स्ट्रबेलर इच्छुक किसानों को दिया जाये. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि राउंड स्ट्रबेलर के स्थान पर स्वायर स्ट्रबेलर ज्यादा प्रयुक्त है. पैक्स अध्यक्षों ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मनरेगा के मजदूरों को किसानों के खेतों में तत्काल न्यूनतम मजदूरी पर रख कर फसल अवशेष प्रबंधन सुनिश्चित कराने का सुझाव देते हुए कहा कि इनके सहयोग से पुआल को खेतों से हटाया जा सकता है. अधिकारियों ने कहा कि जिले के सभी क्षेत्रों में कर्मचारियों की ओर से पराली जलाने की घटना पर निगरानी रखी जा रही है. दोषी पाये जाने कृषकों दंडात्मक कारवाई के साथ सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी प्रकार की अनुदान से वंचित कर दिया जायेगा.

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