वर्षांत. चुनावी वर्ष में सौगातों की बरसात में भीगा नगर निगम
एमआरएफ और सिवरेज सिस्टम को लेकर सरकार ने दी स्वीकृति, दोनों योजनाओं पर 470 करोड़ से अधिक होंगे खर्च
सासाराम नगर. 2025 चुनावी वर्ष रहा. राज्य में नयी सरकार के लिए चुनाव हुए. इसके पहले सरकार ने सभी के लिए खजाना खोल दिया था. इस चुनावी वर्ष में नगर निगम पर भी सौगातों की जमकर बारिश हुई है. सरकार ने निगम को दो बड़ी योजनाओं की सौगत दी. एक एमआरएफ सेंटर के निर्माण की स्वीकृति और दूसरा सिवरेज सिस्टम के लिए करीब 455 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार करायी है. इन दो योजनाओं के अलावा भी सीएम ने प्रगति यात्रा के दौरान निगम के कई तालाबों का जीर्णोद्धार कराने का उद्घाटन और शिलान्यास किया था, जिसका कार्य अमूमन पूरा कर लिया गया है. लेकिन, कई कार्य इस वर्ष भी पूरे नहीं हो पाये, जिनमें शहर का सौंदर्यीकरण अहम मुद्दा है. चौक-चौराहों को खूबसूरत बनाने के लिए चिह्नित किये गये थे स्थल शहर के सौंदर्यीकरण के लिए चौक-चौराहों को खूबसूरत बनाने के लिए निगम में निर्णय लिये गये थे. स्थलों को चिह्नित भी किया गया था. लेकिन, उसे अमलीजामा पहनाने में निगम प्रशासन नाकाम रहा है. वर्ष के अंत में शहर को हेरिटेज टच देने में निगम थोड़ा बहुत सफल जरूर हुआ है. शेरशाह सूरी गेट के पास बने सेल्फी प्वाइंट युवाओं के बीच आकर्षण केंद्र बना है. लेकिन, उस प्वाइंट के इर्द-गिर्द ठेलेवालों की भीड़ युवाओं को जाने से रोक रही है. इसको लेकर जिला प्रशासन व निगम प्रशासन वेंडरों के पीछे पड़ा हुआ है. ताकि शहर की खूबसूरती को बचाया जा सके. वहीं, शहर में बेतरतीब विकास पर अंकुश लगाने के लिए मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है, जिसके चार चैप्टर तैयार हो चुका है. वहीं, पांचवें चैप्टर की तैयारी चल रही है. इस मास्टर प्लान के तहत निगम क्षेत्र के अलावा आसपास के गांवों को भी विकसित करने का प्लान बनाया गया है. 15.73 करोड़ रुपये से बनेगा कचरा प्रबंधन केंद्र चेनारी प्रखंड के सरैया में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) और साइंटिफिक लैनफिल साइट का निर्माण किया जायेगा. बोर्ड ने निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी है. 15.73 करोड़ रुपये की लागत से एमआरएफ और कंपोस्ट प्रबंधन केंद्र की तकनीकी स्वीकृति भी प्रदान मुख्य अभियंता ने कर दी है. एमआरफ सेंटर का निर्माण 10.65 करोड़ रुपये खर्च कर किया जायेगा. वहीं, 100 टन प्रतिदिन गीला कचरा प्रबंधन के लिए 4.88 करोड़ रुपये से कंपोस्ट प्लांट बनाया जायेगा. कचरा डंपिंग प्वाइंट नगर निगम क्षेत्र से करीब 19 किलोमीटर की दूरी पर होगा. इस सेंटर पर कॉम्पैक्टर से निगम का कचरा पहुंचाया जायेगा. जहां पर सूखा कचरा से अलग-अलग मटेरियल की छंटाई की जायेगी, जो रिसाइकल करने के योग्य होंगे. उन्हें रिसाइकिल किया जायेगा और जो इस योग्य नहीं होंगे उन्हें मशीन के माध्यम से तोड़ दिया जायेगा. वहीं गीले कचरे से खाद बनाया जायेगा. यह कार्य रह गये अधूरे नहीं हो पायी निगम के लिए उपयोगी उपकरणों की खरीद -वाहनों के लिए पार्किंग जोन का नहीं हो सका निर्धारण -चिह्नित स्थलों पर यात्री शेड बनाने का निर्णय नहीं उतरा धरातल पर -घरों में डस्टबिन वितरण का निर्णय फाइलों में तोड़ रहा दम -नहीं लगा वार्डों में साइन बोर्ड
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