saran news : पारा मेडिकल के छात्रों को मिलेगा फिजियोथेरेपी का प्रशिक्षण
saran news : सदर अस्पताल के पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट में शुरू हुई ट्रेनिंग
छपरा. सदर अस्पताल के पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट में फिजियोथेरेपी की पढ़ाई शुरू कर दी गयी है. पिछले कई महीने पहले फिजियोथेरेपी के उपकरण इंस्टीट्यूट में पहुंच चुके थे. लेकिन बीएमएसआइसीएल की टीम द्वारा सहमति न मिलने के कारण अब तक छात्रों की कक्षाएं शुरू नहीं की जा सकी थीं.सोमवार को टीम द्वारा मशीनों की गुणवत्ता को लेकर जांच की गयी. इसके बाद क्लास शुरू करने की अनुमति दी गयी. टीम ने जांच के क्रम में पाया कि जो भी मशीन विभाग को उपलब्ध करायी गयी थी, वह बिल्कुल सही है. पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट में अब विद्यार्थियों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल की भी व्यवस्था शुरू कर दी गयी है.
सीमित संसाधनों के बीच छपरा बना नंबर वन :
अस्पताल के पारा मेडिकल इंस्टिट्यूट को सीमित संसाधनों के बीच पढ़ाई के साथ-साथ लैब के मामले में बिहार में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. यहां लेक्चरर के साथ-साथ डेमोंस्ट्रेटर प्रशिक्षक की भारी कमी है. सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा समेत अस्पताल के डॉक्टरों की उपस्थिति में ही विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. अलग से उन्हें अब तक इन विषयों को पढ़ने के लिए शिक्षक मुहैया नहीं हो पाये हैं. बिहार के गोपालगंज, पूर्णिया आदि जगहों के पारा मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था और भी दयनीय है. हालांकि मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना में इसे भी शामिल किया गया था, लेकिन इसके डेवलपमेंट को लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी है. सीमित संसाधनों के बीच छपरा के पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट को पहला स्थान प्राप्त होना अपने आप में गौरव की बात है.मरीजों के साथ छात्रों को भी होगी सहूलियत :
पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट में फिजियोथेरेपी का क्लास व प्रैक्टिकल शुरू होने से जहां मरीजों को सहूलियत होगी. वहीं, विद्यार्थी भी नियमित तौर पर प्रैक्टिकल से अपनी कुशलता बढ़ा सकेंगे. ओपीडी में आने वाले मरीज जिन्हें फिजियोथेरेपी कराने में परेशानी होती है, उन्हें अब इस इंस्टीट्यूट में भेजा जायेगा, जहां उनके लिए तीन प्रकार के फिजियोथेरेपी की व्यवस्था की गयी है. इनमें ऑक्यूपेशनल थेरेपी, प्रोस्थेटिक थेरेपी व ऑर्थोटिक थेरेपी की पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिकल की व्यवस्था होगी. इस संदर्भ में पूछे जाने पर पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट के इंचार्ज डॉ जितेंद्र ने बताया कि छात्रों को सीमित संसाधनों के बीच कुशल बनाना पहली प्राथमिकता है. पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिकल की भी समुचित व्यवस्था की गयी है. आने वाले समय में व्यवस्थाओं को और भी बेहतर किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
