समस्तीपुर : जिला मुख्यालय सहित आसपास के इलाकों में कई पेट्रोल पंपों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है. विभागीय नियमों के अनुसार पेट्रोल पंपों पर जहां धूम्रपान वर्जित है. वहीं मोबाइल के प्रयोग की भी मनाही है. पंपों पर पेट्रोल या डीजल ट्रांसफर करते समय मोबाइल के प्रयोग पर विभागीय रोक के निर्देश हैं तो स्टोरेज टैंकर में भी फ्यूल ट्रांसफर करते समय वाहनों को पेट्रोल या डीजल नही देने का प्रावधान है.
लेकिन इन नियमों का पालन इक्का दुक्का पंपो पर ही देखा जा सकता है. अधिकतर पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा इन नियमों का पालन नही किया जाता है. फ्यूल स्टोरेज टैंकर में पेट्रोल या डीजल स्टोर करते समय कभी अर्थिंग तो कभी मोबाइल के प्रयोग या तकनीकी गड़बड़ी किसी बड़े हादसे का सबब हो सकता है. लगभग एक दशक पूर्व पटना के बोरिंग रोड स्थित एक पेट्रोल पंप में मोबाइल के प्रयोग से आग लग गया थी,
जिसे बमुश्किल काबू पाकर एक बड़े हादसे को टाला जा सका था. ऐसे में अगर जिला मुख्यालय में कोई घटना हुई तो एक बड़ा हादसा हो सकता है क्योंकि जिला मुख्यालय में तीन पेट्रोल पंप तो घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा पंपों पर मोबाईल के प्रयोग पर रोक संबंधी निर्देश के बावजूद पंप संचालकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है. तो एक्सप्लोसिव विभाग के अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन भी इस िदशा में कारगर कदम नही उठा रहा है. पेट्रोल पंपों पर ऐसी गलितयां लगातार दोहराई जा रही हैं.