समस्तीपुर : जिले के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कई योजनाएं विभाग के द्वारा लागू किये गये. बावजूद छात्रों को अधिकांश स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. इसका मुख्य वजह स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की कमी होना बताया जा रहा है. बताते चलें कि जब-जब जिले में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया आरंभ की जाती है, तो सेवानिवृत्ति व स्थानांतरण के आलोक में विषयवार रिक्तियां तय की जाती हैं.
शिक्षक नियोजन के क्रम में मनचाहा स्कूल शिक्षकों को देने के लिए विभाग स्तर पर मनमानी भी की जाती है. इसी कारण से उच्च विद्यालय कर्पूरीग्राम में हिंदी विषय में स्वीकृत पदों की संख्या मात्र दो है. वहीं चार शिक्षक कार्यरत हैं. उच्च विद्यालय गंगापुर सरायरंजन में सामाजिक विज्ञान विषय में स्वीकृत पद मात्र तीन हैं, लेकिन छह शिक्षक कार्यरत हैं. इसी प्रकार उच्च विद्यालय धर्मपुर में हिंदी विषय में स्वीकृत पद मात्र एक हैं, जबकि इस विषय में दो शिक्षक कार्यरत हैं. यह तो चंद उदाहरण हैं.
सूत्रों की माने तो 25 से अधिक उच्च विद्यालयों में स्वीकृत विषयवार पद से अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं. वहीं दर्जनों ऐसे भी विद्यालय हैं जहां गणित, हिंदी व विज्ञान के शिक्षकों का पद रिक्त पड़ा हुआ है. हाल के दिनों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए सामांजन करने का निर्देश प्राप्त था. लेकिन, सूची दिये जाने के बाद भी जिला परिषद नियोजन इकाई कार्रवाई लंबित रखे हुए है. जानकारी के मुताबिक, पूर्व के दिनों में हुए जिप की सामान्य बैठक में यह सूची अध्यक्ष व सचिव को डीपीओ स्थापना ने सौंपी थी.