शर्म को भी शर्मसार करती है धंधे से जुड़ी लड़कियों की हरकत
Advertisement
समाज के लिए कोढ़ है रेड लाइट एरिया
शर्म को भी शर्मसार करती है धंधे से जुड़ी लड़कियों की हरकत प्रशासन बेपरवाह, सामाजिक संगठनों को करना होगा विरोध सहरसा : सहरसा-सिमरी बख्तियारपुर मुख्य मार्ग पर सड़क के ठीक किनारे बसा रेड लाइट एरिया समाज के लिए एक कोढ़ है. वर्षों से यहां अवैध रूप से देह व्यापार का धंधा बदस्तूर जारी है. इस […]
प्रशासन बेपरवाह, सामाजिक संगठनों को करना होगा विरोध
सहरसा : सहरसा-सिमरी बख्तियारपुर मुख्य मार्ग पर सड़क के ठीक किनारे बसा रेड लाइट एरिया समाज के लिए एक कोढ़ है. वर्षों से यहां अवैध रूप से देह व्यापार का धंधा बदस्तूर जारी है. इस मंडी में लड़कियों की खरीद-बिक्री का कारोबार भी वर्षों से चला आ रहा है. मानव व्यापार करने वाले बिचौलिये यहां आज भी सक्रिय हैं. सब कुछ ज्ञात होने के बाद भी प्रशासन का मूक व बधिर बने रहना समझ से परे है.
अश्लील हरकत से लोग होते हैं परेशान: सड़क के किनारे सजी संवरी लड़कियां उधर से गुजरने वालों में अच्छे-बुरे का फर्क नहीं करती. अंग प्रदर्शन व अश्लील हरकत करते वह किसी को भी इशारा कर बुलाती रहती हैं.
उनकी हरकतें शर्म को भी शर्मसार कर देती हैं. वे सिर झुका कर आते और जाते हैं. लेकिन उधर से गुजरने वाले छोटे-छोटे स्कूली बच्चे उन्हें कौतूहल भरी नजरों से देखते हैं और अपने अभिभावकों से जब उस संबंध में पूछते हैं तो वे पानी-पानी हो जाते हैं. उनके पास बच्चों के सवाल का कोई जवाब नहीं होता है. प्रशासन के अलावा सभी राजनीतिक व सामाजिक संगठनों को इस देह मंडी का पूरा पता मालूम है. लेकिन इस अवैध कारोबार को जड़ से मिटाने का कभी किसी ने प्रयास नहीं किया है.
समाज के इस कोढ़ का इलाज किसी के पास नजर नहीं आता है. बात-बात पर अधिकारी को आवेदन देने व शहर की सड़कों पर हंगामा करने वालों को अपने घर की समस्या नहीं दिखती है. उन्हें उस इलाके में रहने वाले लोगों व उनके बच्चों का बरबाद होता भविष्य नहीं दिख रहा है.
घुट-घुट कर जी रहे बस्ती के लोग
अवैध रूप से देह का धंधा करने वाली इस बदनाम व गंदी बस्ती में यदा-कदा बाहर से खरीद कर अथवा प्रलोभन दे बहला कर लायी गयी लड़कियों की बात सामने आती रही है. शिकायत पर पुलिस छापेमारी भी करती है. बाहरी लड़कियों को मुक्त कराने के अलावा धंधे से जुड़ी अन्य वेश्याओं की गिरफ्तारी भी होती है.
लेकिन आगे की कार्रवाई व छापेमारी की निरंतरता के अभाव में अगले दिन से यह देह मंडी फिर से गुलजार हो जाती है. लड़कियां सज-संवर कर एक बार फिर सड़क के किनारे बैठ ग्राहकों को बुलाने में जुट जाती है. इस मोहल्ले के इर्द-गिर्द बसी घनी आबादी के सभ्य परिवार के लोग घुट-घुट कर रह रहे हैं. उन्हें अपने मोहल्ले का नाम भी बताने में शर्म और हिचकिचाहट होती है. लेकिन संकोचवश वे इसके विरोध में आवाज नहीं उठा पाते हैं. उन्हें भी किसी ऐसे संगठन का इंतजार है. जो उन्हें समाज के इस कोढ़ से मुक्ति दिलायें.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement