सहरसा : सदर कृषि विभाग द्वारा सोमवार को स्थानीय डीबी रोड कार्यालय परिसर में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन संयुक्त कृषि निदेशक शंकर चौधरी ने किया. मौके पर उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने पर जोर दिया. किसानों को संबोधित करते उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा, बिहार से आगे है.
क्योंकि वहां के किसान कृषि यंत्र का उपयोग कर नये तकनीक व वैज्ञानिक पद्धति से खेती को बढ़ावा देते हैं इसलिए यह प्रदेश आज कृषि के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों से अव्वल है. उन्होंने कहा कि इसलिए सरकार भी कृषि क्षेत्र के बढ़ावा पर विशेष जोर दे रही है. किसानों को अनुदानित दर पर नये-नये कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है.
ताकि किसानों के खेत में कम लागत व समय के बचाव से अत्यधिक मुनाफा हो सके. निदेशक ने कहा कि सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के बावजूद कोसी प्रमंडल पीछे है. किसानों द्वारा छोटे-छोटे यंत्र तो खरीदे जाते हैं, लेकिन बड़े यंत्र खरीदने के लिए किसान आगे नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि उन्नत कृषि यंत्र का उपयोग किसान जरूर करें.
बड़े यंत्र के उपयोग से किसानों को समय व लागत का बचाव तो होगा ही इससे अधिक पैदावार को भी बढ़ावा मिलेगा. दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले के दौरान विभिन्न कृषि यांत्रिकीकरण के बचे चार हजार परमिट को अधिकारियों को किसानों से आवेदन प्राप्त कर पूरा करने का निर्देश दिया. यांत्रिकीकरण मेले में दुकानदारों द्वारा मूल्य से अधिक राशि लिए जाने की शिकायत पर निदेशक ने सभी विक्रेताओं को एमआरपी दर पर ही कृषि यंत्र किसानों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
साथ ही उन्होंने कहा कि अत्यधिक राशि की शिकायत मिलने पर संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. रबी फसल के मौसम को देखते हुए यांत्रिकीकरण मेले के दौरान ज्यादातर किसानों द्वारा पंप से सिंचाई पाइप की खरीदारी को लेकर भीड़ देखा गया. इस मौके पर डीएओ नवीन कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए सरकार द्वारा प्रदत्त यांत्रिकीकरण खरीद के लिए विभाग की ओर से हर संभव सहयोग करने की बात कही.
उन्होंने छोटे किसानों से भी कृषि यांत्रिकीकरण खरीद कर खेती में उसका उपयोग करने की सलाह देते अत्यधिक मुनाफा व कृषि पैदावार को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया ताकि बिहार भी पंजाब-हरियाणा की तरह कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सके.
मौके पर एसएओ कमलेश प्रसाद, जिला पशुपालन पदािाकारी डॉ शैलेन्द्र कुमार, मंडन भारती अगुवानपुर कृषि कॉलेज के वैज्ञानिक डॉ विमलेश पांडेय, डॉ मनोज सिंह, आत्मा परियोजना उपनिदेशक राजेश कुमार आदि मौजूद थे.