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अंगद ने गिरवी रखा मंगलसूत्र
कन्हैयाजी सहरसा : कस्तूरबा विद्यालय, बिहरा के आदेशपाल अंगद कुमार महतो ने इससे पहले उसने बेटियों की पढ़ाई के लिए हकपाड़ा स्थित अपनी पुश्तैनी एक कट्ठा जमीन व उस पर बने दो कमरों के घर को बेच दिया था. अभी वह परिवार के साथ सदर अस्पताल परिसर में सरकारी जमीन पर झोपड़ी बना कर रह […]
कन्हैयाजी
सहरसा : कस्तूरबा विद्यालय, बिहरा के आदेशपाल अंगद कुमार महतो ने इससे पहले उसने बेटियों की पढ़ाई के लिए हकपाड़ा स्थित अपनी पुश्तैनी एक कट्ठा जमीन व उस पर बने दो कमरों के घर को बेच दिया था.
अभी वह परिवार के साथ सदर अस्पताल परिसर में सरकारी जमीन पर झोपड़ी बना कर रह रहा है. उसके दुख का कोई तारणहार नहीं है. चार महीनों से मानदेय नहीं मिलने के कारण छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी उसे पड़ोसियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. अंगद की बड़ी बेटी कुमारी प्रिंस प्रिया ने बिहार संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा साल 2014 में आयोजित कृषि विभाग के पीसीबी के लिए ऑन लाइन आवेदन किया था.
समस्तीपुर में हुई पहली व पटना में हुई दूसरी परीक्षा में सफलता पाने के बाद तृतीय चरण में काउंसिलिंग के लिए उसे बुलावा पत्र आया है. उसका काउंसिलिंग सेंटर भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय है. इसमें भाग लेने वह गुरुवार को जा रही है. वहां औपबंधिक नामांकन के लिए उसे पांच हजार रुपये का निर्धारित शुल्क देना होगा. विभाग द्वारा अब तक मानदेय नहीं मिलने के कारण अंगद ने पत्नी का मंगलसूत्र छह हजार रुपये में गिरवी रख दिया.
वह कहता है कि मंगलसूत्र तो बाद में छुड़ा लिया जायेगा, लेकिन बेटी को यह मौका दोबारा नहीं मिलेगा. अंगद के मानदेय का भुगतान नहीं होने के संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सतीश सिंह ने कहा कि कर्मियों के मानदेय भुगतान के लिए राशि की कमी नहीं है. पैसा खाते में जमा है. अंगद के विद्यालय से अनुपस्थिति पत्रांक नहीं दिये जाने के कारण भुगतान नहीं हुआ है.
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