23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ईंट, सीमेंट और छड़ सब महंगे

सहरसा : अमूमन इन दिनों में मकान निर्माण का काम परवान पर चढ़ जाता था, लेकिन इस बार कंस्ट्रक्शन शुल्क व भवन निर्माण की सामग्रियों की बढ़ी कीमतों से बजट जवाब दे रहा है़ बिल्डिंग मेटेरियल के दुकानदार से लेकर ठेकेदार, आर्किटेक्ट व इंजीनियर से माथापच्ची की जा रही है़ खासकर ओडीएफ योजना के तहत […]

सहरसा : अमूमन इन दिनों में मकान निर्माण का काम परवान पर चढ़ जाता था, लेकिन इस बार कंस्ट्रक्शन शुल्क व भवन निर्माण की सामग्रियों की बढ़ी कीमतों से बजट जवाब दे रहा है़ बिल्डिंग मेटेरियल के दुकानदार से लेकर ठेकेदार, आर्किटेक्ट व इंजीनियर से माथापच्ची की जा रही है़ खासकर ओडीएफ योजना के तहत गांव-गांव में बन रहे शौचालय निर्माण व प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन पर भी यह व्यापक असर डाल रहा है. मेटेरियल सप्लायर विनोद भगत कहते है

कि मंदी के दौर से गुजर रहे प्रॉपर्टी बाजार पर एक बार फिर काले बादल मंडराने लगे हैं. भवन निर्माण सामग्री की कीमतों ने मकान बनाने वालों की मुसीबतें बढ़ा दी है़ं जीएसटी के चलते सीमेंट से लेकर बालू, गिट्टी सभी में इजाफा हुआ है़ नतीजा बिल्डिंग मेटेरियल की आसमान छूती कीमतों की वजह से अब कोसी क्षेत्र में खुद के मकान के सपने को पूरा करना पहले के मुकाबले ज्यादा महंगा हो गया है़

इधर लाइसेंस को लेकर खनन विभाग द्वारा की गयी छापेमारी के बाद जिले के तीन दर्जन से अधिक डिपो बंद हो चुके है. दर्जनों दुकानदार पर विभाग द्वारा की प्राथमिकी की वजह से खुलने वाली दुकानें मनमर्जी से मूल्य भी तय कर रही हैं.

सरकार करे दखल, प्रशासन लगाये लगाम : गंगजला के रहने वाले मो फारुख का कहना है कि बिल्डिंग मेटेरियल के भाव इतने बढ़ गए हैं कि अतिरिक्त धन राशि जुटाना पड़ रही है़ घर का सपना सभी का होता है़ ऐसे में दाम पर काबू पाने के लिए सरकार को इसमें दखल देना चाहिए़ वहीं ठेकेदार संजय खां का कहना है कि बालू बाजार से गायब है. जिसके पास पुराना माल है, वह कालाबाजारी करने के लिए उसे स्टॉक कर लिया है. चोरी-छिपे उसे महंगे दाम पर बेचा जा रहा है.
साढ़े सात रुपये की मिल रही है एक ईंट
भवन निर्माण सामग्री में तेजी एक नजर में
सामग्री अगस्त 2016 अब(अगस्त 2017)
सीमेंट 270 330
छड़ 3900 4200
ईंट 4500 7500
बालू रेत 4500 9000-11000
गिट्टी 80 85
कंस्ट्रक्शन शुल्क 110 से 120 150 से 160
(नोट: सीमेंट प्रति बोरी, छड़ क्विंटल में, बालू प्रति ट्राली, ईंट प्रति एक हजार, कंस्ट्रक्शन शुल्क प्रति वर्ग फीट, गिट्टी सीएफटी में .)
मजदूरी में अप्रत्याशित वृद्धि
खासकर कंस्ट्रक्शन चार्ज सबसे तेजी से बढ़ रहा है़ पिछले साल अगस्त में जहां मजदूर 250 रुपये की दिहाड़ी पर मिल जाते थे, लेकिन अब कोई भी मजदूर 350 रुपये से कम की मजदूरी पर काम करने को तैयार नहीं है़ यही हाल मिस्त्रियों का भी है़ ये भी अब 350 से बढ़कर 400 से 450 रुपये प्रतिदिन मेहनताना ले रहे है़ं सीमेंट की 50 किलोग्राम की बोरी पिछले साल इसी समय 270 रुपये में मिल जाती थी, लेकिन इस समय उसका दाम 330 रुपये है़ बालू तो मार्केट में मिल ही नहीं रहा है. जिसके पास पुराना स्टॉक है, वह मनमाना कीमत वसूल रहा है. गिट्टी में भी प्रति सीएफटी पांच रुपये की तेजी आयी है. छड़ का भाव भी प्रति क्विंटल 300 रुपये महंगा हुआ है. इतना ही नहीं मकान का छत बनवाने के लिए चलन में शुमार शटरिंग का चार्ज 17 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़ कर मौजूदा समय में 22 रुपये प्रति वर्ग फुट पर आ गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें