परेशानी. नेपाल में मूसलाधार बारिश से कोसी का जल स्तर बढ़ा
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कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
परेशानी. नेपाल में मूसलाधार बारिश से कोसी का जल स्तर बढ़ा नेपाल व भारत के भू-भाग में मूसलाधार बारिश का असर कोसी तटबंध के भीतर व बाहर साफ दिखायी दे रहा है. हालत को देखते हुए तटबंध के भीतर बसे लोग अपने-अपने घरों को छोड़ कर उंचे स्थानों की तरफ पलायन करना शुरु कर दिया […]
नेपाल व भारत के भू-भाग में मूसलाधार बारिश का असर कोसी तटबंध के भीतर व बाहर साफ दिखायी दे रहा है. हालत को देखते हुए तटबंध के भीतर बसे लोग अपने-अपने घरों को छोड़ कर उंचे स्थानों की तरफ पलायन करना शुरु कर दिया है.
सुपौल : लगातार हो रही भीषण बारिश ने जिले की दिनचर्या को बिगाड़ कर रख दिया है. नेपाल व भारत के भू-भाग में मूसलाधार बारिश का असर कोसी तटबंध के भीतर व बाहर साफ दिखायी दे रहा है. एक तरफ जहां तटबंध के भीतर बसे सरायगढ़, किसनपुर, निर्मली व मरौना प्रखंड के दर्जनों गांव कोसी की चपेट में है. वहीं तटबंध के बाहर भी चारो तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. हालत को देखते हुए तटबंध के भीतर बसे लोग अपने-अपने घरों को छोड़ कर उंचे स्थानों की तरफ पलायन करना शुरु कर दिया है.
हाल यह है कि क्या तटबंध के भीतर क्या बाहर, दोनों ओर भय व दोनों ओर सन्नाटा. शुभ-शुभ बरसात बीत जाने की प्रतिक्षा. चारों तरफ एक सा नजारा. जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. तटबंध के भीतर जहां कोसी के कारण किसानों की फसल पूरी तरह बरबाद हो चुकी है. वहीं लगातार हो रही बारिश से मैदानी इलाकों में भी लोगों की नींदे उड़ी हुई है.
जिला मुख्यालय समेत जिले के अन्य प्रखंडों की तसवीर ताजा स्थिति को बयां करने के लिए पर्याप्त है कि कैसे बारिश ने जिले की व्यवस्था को प्रभावित किया है. हाल यह है कि धान की रोपनी के लिए किसानों द्वारा लगाया बिचरा भी पानी में डूब चुका है. ऐसे में किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या धान के बिचरा का हो गया है. किसानों का कहना है कि धान का बिचरा रहेगा, तब ना धान की रोपनी होगी. जबकि बारिश का पानी से किसानों द्वारा लगाया गया धान का सारा बिचरा ही पानी में डूब चुका है.
इन गांवों में घुसा कोसी का पानी : लगातार हो रही बारिश से कोसी के जल स्तर में हुई वृद्धि से तटबंध के भीतर किसनपुर प्रखंड के परसा माधो पंचायत के परसामाधो, बजरंगबली चौक, एकडारा एवं आसनपुर कुपहा, नौवाबाखर पंचायत के नौआबाखर, हांसा, चमेलवा, खापटोला, नौआबाखर छींट एवं सिमराहा, बौराहा पंचायत के बौराहा, अर्राहा, कमलदाहा, खानपुर, बेंगा, सनपतहा, सोनवर्षा, बुरजा, माणिकपुर, गोरियाही, झकराही एवं सपरदाहा, मौजहा पंचायत के मौजहा, सिसुआ, पंचगछिया, बेंगा, सुकुमारपुर एवं बुरियाडीह पलार व दुबियाही पंचायत के दुबियाही, दिघिया, बेगमगंज व बेला गोठ गांव कोसी की बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हो चुका है. जबकि आंशिक रूप से प्रभावित गांवों में मुमीन टोला, मुरकुचिया, पीरगंज, ठाढ़ी धाता उत्तर, तेलियारी, ठाढ़ी धाता दक्षिण, खखैय एवं मंडल टोला शामिल है. सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के ढ़ोली व बनैनियां पंचायत के सभी गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं. जबकि आंशिक रूप से प्रभावित पंचायत में लौकहा, भपटियाही व सरायगढ़ शामिल हैं. मरौना प्रखंड के सिसौनी, गोंगररिया व बड़हरा पंचायत बाढ़ से प्रभावित है. जिसमें सबसे ज्यादा बाढ़ का असर सिसौनी व गोंगररिया में है. हाल यह है कि सिसौनी के 15 वार्डों में 08 पूरी तरह प्रभावित है. शेष में बाढ़ का आंशिक असर है. गोंगररिया पंचायत के 08 से लेकर 17 वार्ड तक पूरी तरह कोसी की जद में है. निर्मली प्रखंड के तीन गांव झौड़ा, मौड़ा व लगुनिया कोसी के बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित है. जबकि डगमार व कुनौली पर इसका आंशिक प्रभाव पड़ा है.
तटबंध के भीतर वर्तमान समय में स्थिति हाय-तौबा की बनी हुई है. कोसी नदी की प्रकृति के अनुरुप जल स्तर का बढ़ना और घटना लगा रहता है. लेकिन कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से कोसी उफान पर है. ऐसे में बढ़ते जल स्तर के कारण तटबंध के भीतर बसे गांवों पर कटाव का खतरा भी मंडराने लगा है. कोसी की गर्जना व अवश्यंभावी खतरे से लोगों की नींद उड़ी हुई है. हाल यह है कि किसनपुर, सरायगढ़, निर्मली व मरौना प्रखंड के दर्जनों गांव में कोसी का पानी घुस गया है. जिससे आम लोगों का जन-जीवन काफी प्रभावित हो गया है.
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